नई दिल्ली. राजधानी एक्सप्रेस के एसी प्रथम श्रेणी की कन्फर्म टिकट होने के बावजूद बेंगलुरु के एक बुजुर्ग जोड़े पर “बिना टिकट यात्रा करने” के तहत 22,300 रुपये का जुर्माना लगाने के मामले में अदालत ने कड़ा रुख अख्तिया किया. उपभोक्ता अदालत ने रेलवे को यह आदेश दिया है कि दंपति को बतौर मुआवजा 40 हजार रुपये दिए जाएं. आलोक कुमार नामक शख्स ने अपने 77 वर्षीय पिता और 71 वर्ष मां के लिए यह टिकट बुक कराई थी, लेकिन 21 मार्च, 2022 को बुजुर्ग जोड़े के लिए यह यात्रा एक दर्दनाक अनुभव में बदल गई.
दरअसल, हुआ कुछ यूं कि टिकट परीक्षक (TC) ने उनका पीएनआर नंबर चेक किया और कहा कि इसका स्टेटस कन्फर्म टिकटों के लिए “नो रूम” था.टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक जब बेटे को इसके बारे में पता चला, तो उन्होंने आईआरसीटीसी में शिकायत दर्ज की और दक्षिण पश्चिम रेलवे (SWR) के अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने दक्षिण-पश्चिमी रेलवे के मुख्य बुकिंग अधिकारी और आईआरसीटीसी अधिकारियों के खिलाफ खामियों की शिकायत को लेकर बेंगलुरु की एक उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया.
