पटना:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नारा सबका साथ, सबका विकास, के बारे में हर कोई जानता है. इस बीच देश में चल रही जातिगत राजनीति को लेकर हाल में ही कहा था कि उनकी नजर में देश में चार जातियां ही हैं जिनमें गरीब, किसान युवा और महिलाएं शामिल हैं. इसके अतिरिक्त देश में कोई जाति नहीं है. तब उनकी बात पर विपक्ष के नेताओं की ओर से अलग-अलग तरीकों से हमले किए गए और जातीय राजनीति को फिर परवान चढ़ाने की कोशिश की गई. हालांकि, कुछ नेता ऐसे भी हैं जो पीएम मोदी की खींची लकीर को फॉलो करते हैं और उनकी बताई राजनीति की राह पर बढ़ना चाहते हैं. लेकिन, ये पीएम मोदी की बातों से अलग पहचान भी कायम रखना चाहते हैं. इन्हीं नेताओं में से एक हैं बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव जिनका एक बयान आजकल काफी चर्चा में है.
तेजस्वी यादव 20 फरवरी से बिहार में जन विश्वास यात्रा पर निकले हैं. उन्होंने अपनी पहली सभा मुजफ्फरपुर में की और यहां उन्होंने पीएम मोदी की बताई राजनीति के समानांतर लकीर खींचने की कोशिश की. उन्होंने इसके साथ ही यह संकेत भी दे दिया कि उनकी आगामी राजनीति क्या होने जा रही है. दरअसल, तेजस्वी यादव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि लोग राजद को सिर्फ MY की पार्टी कहते हैं, जबकि राजद BAAP की पार्टी भी है. इसका मतलब B-बहुजन, A-अगड़ा, A-आधी आबादी, और P का मतलब POOR है.
तेजस्वी पढ़ पा रहे आगे की पॉलिटिक्स
राजनीति के जानकारों की नजर में दरअसल, तेजस्वी यादव बदली हुई राजनीति को पढ़ पाने की स्थिति में हैं और वह आगे की राह को देख रहे हैं. एक तरह से तेजस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राह पर ही चल रहे हैं, और समानांतर लकीर खींचने की चाहत रखते हैं, बस बताना चाहते हैं कि हमारा रास्ता अलग है. इस बात के संकेत काफी पहले से मिल रहे हैं और तेजस्वी यादव ने हमेशा A टू Z पॉलिटिक्स की बात की है. यानी वह बिहार की आगामी राजनीति सर्वसमाज के समर्थन को आधार बनाते हुए करना चाहते हैं.
तेजस्वी यादव यह संकेत काफी पहले से दे रहे हैं कि वह पुरानी आरजेडी की छवि को बिल्कुल ही बदल लेना चाहते हैं. बता दें कि जो राजद कभी ‘तेल पिलावन और लाठी घुमावन’ और मुस्लिम-यादव की पार्टी के नाम से जानी जाती थी, उसका कैरेक्टर तेजस्वी यादव बदलना चाहते हैं. राजनीति के जानकार कहते हैं कि तेजस्वी यादव अभी 33 साल के हैं, और अभी उनकी पूरी राजनीति पड़ी हुई है और उन्होंने इस बात को समझ भी लिया है कि आगे की राजनीति सर्वसमाज की होगी क्योंकि जमाना बदल गया है।
राजद की नये दौर की राजनीति
वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार शर्मा कहते हैं कि तेजस्वी यादव की प्रोग्रेसिव राजनीति की रणनीति पर चलना चाहते हैं. तेजस्वी युवाओं की टीम बनाने की बात करते हैं. वह 10 लाख नौकरियां देने की बात करते हैं. खेलों में मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना लागू करने की बात करते हैं. जाहिर है बीते दिनों की राजद की जातीय राजनीति से तेजस्वी यादव नए दौर की राजद की राजनीति सामने लाना चाहते हैं.
मुस्लिम यादव गठजोड़ से आगे
वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय कहते हैं कि तेजस्वी ने इस बात को बीते लोकसभा चुनाव के नतीजों से ही पढ़ लिया था. उन्होंने सवर्ण आरक्षण का विरोध किया और मुस्लिम-यादव गठजोड़ की भी राजनीति की, पर हाथ तो बिहार में राजद की एक भी सीट नहीं आई. वे यह भी समझते हैं कि वह खुद लालू यादव नहीं हैं और न वह जमाना ही रहा कि जनता किसी भी स्थिति में बिना सही गलत सोचे उनके पीछे लाठी उठाकर चल देगी, जमाना अब बदल गया है.
पीएम मोदी की राह
रवि उपाध्याय और अशोक कुमार शर्मा इसको लेकर एकमत होते हुए कहते हैं कि तीन दशक पहले की राजनीति अब पूरी तरह बदल गई है क्योंकि इस दौरान 12 वर्ष को एक युग मानें तो करीब ढाई युग बदल गया है. इस दौरान दो पीढ़ियों का समाज में प्रवेश हो चुका है जो राजनीति को भी जानती समझती है. लालू प्रसाद यादव को मंजिल मिली थी, वह रास्ता अब घिस-पिट गया है. तेजस्वी नौकरी और विकास की बात करते हुए सर्वसमाज की राजनीति की बात करते हैं. यही कारण है के कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी राजपूत बिरादरी के जगदानंद सिंह के पास अभी भी है और ब्राह्मण चेहरा मनोज झा को उन्होंने दोबारा राज्यसभा भेजा है. साफ है कि पीएम मोदी की सर्वसमाज की राजनीति को तेजस्वी भी फॉलो करने लगे हैं.
