भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय त्रि-सेवा मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभ्यास का समापन हो गया है. 30 मार्च 2024 को यूएसएस समरसेट पर टाइगर ट्रायम्फ 2024 का समापन समरोह आयोजित किया गया. ये अभ्यास दोनों देशों के लिए एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा है.चीन को रोकने के लिए भारत और अमेरिका दोनों ही कोशिश कर रहें हैं. इसलिए ये दोनों देशों का युद्धाभ्यास इसी कड़ी में देखा जाना चाहिए. समुद्री चरण 26 से 30 मार्च तक आयोजित किया गया था. इसका आज समापन हो गया है. इससे पहले हार्बर चरण 18 से 25 मार्च तक विशाखापत्तनम में आयोजित किया गया था.
इसमें प्री-सेल चर्चा, खेल कार्यक्रम, जहाज बोर्डिंग अभ्यास और क्रॉस डेक दौरे शामिल थे. इस दौरान दोनों नौसेनाओं के कर्मियों ने 25 मार्च को एक साथ होली का त्योहार मनाया.किए गए डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशनसमुद्री चरण 26 से 30 मार्च 24 तक आयोजित किया गया था. इसमें समुद्र में समुद्री अभ्यास करने वाले दोनों देशों की इकाइयाँ शामिल थीं. इसके बाद एक संयुक्त कमान और नियंत्रण केंद्र और एचएडीआर संचालन के लिए एक चिकित्सा शिविर की स्थापना के लिए काकीनाडा में सैनिकों की लैंडिंग हुई.
काकीनाडा और विशाखापत्तनम के पास भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के जहाजों के बीच यूएच3एच, सीएच53 और एमएच60आर हेलीकॉप्टरों से जुड़े क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन भी किए गए.
इडेड मिसाइल भी थी शामिलभारतीय नौसेना की भाग लेने वाली इकाइयों में एक लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक, बड़े लैंडिंग शिप टैंक जिसमें उनके अभिन्न लैंडिंग क्राफ्ट और हेलीकॉप्टर, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट और लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान शामिल थे. भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व मशीनीकृत बलों सहित एक इन्फैंट्री बटालियन समूह द्वारा किया गया था. भारतीय वायु सेना ने एक मध्यम लिफ्ट विमान, परिवहन हेलीकॉप्टर और रैपिड एक्शन मेडिकल टीम (RAMT) को तैनात किया था.
यूएस मरीन के साथ किया अभ्यासयूएस टास्क फोर्स में एक यूएस नेवी लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक शामिल है. इसमें इसके लैंडिंग क्राफ्ट एयर कुशन और हेलीकॉप्टर, एक विध्वंसक, समुद्री टोही और मध्यम लिफ्ट विमान और यूएस मरीन भी शामिल हैं.
