नई दिल्ली:– शुभांशु शुक्ला के स्वागत के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर भव्य आयोजन किया गया। कैप्टन के आने पर ढोल-नगाड़ों की गूंज, तिरंगे की लहर और भारत माता की जय के नारों ने माहौल को देशभक्ति से भर दिया। शुभांशु की इस बड़ी सफलता पर लोकसभा में भी उनकी चर्चा की जाएगी। इसमें 2047 तक भारत की अंतरिक्ष में क्या भूमिका होगी इसपर चर्चा की जाएगी।
शुभांशु शुक्ला ने 25 जून को एक्सिओम-4 मिशन के तहत अमेरिका से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन तक रहे और 15 जुलाई को सफलतापूर्वक धरती पर लौटे। इस मिशन के दौरान उन्होंने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों पैगी व्हिटसन, स्लावोज उज्नान्स्की और टिबोर कापू के साथ मिलकर कई वैज्ञानिक प्रयोग किए।
एयरपोर्ट पर हुआ था भव्य स्वागत
दिल्ली एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन उपस्थित थे। शुक्ला की पत्नी कामना और बेटा कियाश भी इस अवसर पर मौजूद थे। गौरतलब है कि शुक्ला का परिवार अमेरिका में एक वर्ष तक उनके अंतरिक्ष प्रशिक्षण के दौरान साथ रहा था। एयरपोर्ट पर अपने स्वागत के बाद एक्स पर पोस्ट करते हुए शुक्ला ने लिखा, “घर वापस आकर निश्चित रूप से अच्छा लग रहा है।”
लोकसभा में होगी चर्चा
शुक्ला के जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की संभावना है, जिसके बाद वे अपने गृहनगर लखनऊ जाएंगे। इसके बाद वे 22-23 अगस्त को आयोजित राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह में भाग लेने के लिए दोबारा राजधानी लौट सकते हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के सम्मान में सोमवार यानी आज लोकसभा में एक विशेष चर्चा भी आयोजित की जाएगी। चर्चा का विषय “2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य में अंतरिक्ष कार्यक्रम की भूमिका” होगा। इस चर्चा के दौरान भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में हो रही प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर भी विचार किया जाएगा। इसके साथ-साथ जनविश्वास संशोधन बिल भी लोकसभा में पेश किया जाएगा। फिर इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाएगा। इसके साथ ही एक और बिल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट संशोधन बिल भी लाया जाएगा।
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की यह सफलता भारत के अंतरिक्ष मिशनों की दिशा में एक मील का पत्थर है। उनकी उपलब्धि ने न केवल देश को गौरवान्वित किया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।