
नई दिल्ली। देशभर की निगाहें आज राजधानी दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर हैं। यहां आज संयुक्त किसान मोर्चा SKM की बैठक होने जा रही है। इस बैठक में तय होना है कि किसान संगठन अपना आंदोलन खत्म करेंगे या नहीं। बैठक में सभी किसान नेता हिस्सा लेंगे। दो दिन पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने संकेत दिया था कि वो आंदोलन खत्म कर देगा, लेकिन अहम बैठक से एक दिन पहले शुक्रवार को आंदोलन खत्म करने के नाम पर उसकी ओर से नया पैंतरा चला गया है।
ऐसे में शक है कि कल बैठक में आंदोलन खत्म करने का कोई एलान होगा। उधर, एसकेएम से अलग किसान नेता राकेश टिकैत अब भी मांगें पूरी न होने तक दिल्ली की सीमाओं से भीड़ खत्म करने से साफ इनकार कर रहे हैं। टिकैत का कहना है कि आंदोलनकारी तभी हटेंगे, जब मोदी सरकार उनकी सारी मांगें मान लेगी। उधर, हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने शुक्रवार को किसान नेताओं से मुलाकात की।
माना जा रहा है कि हरियाणा सरकार सोमवार तक किसानों पर दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लेगी। किसान नेताओं के मुताबिक अब तक करीब 55000 किसानों पर केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से ज्यादातर हरियाणा में हैं।अब बात एसकेएम के पैंतरे की। शुक्रवार को एसकेएम की ओर से एक लंबा बयान जारी किया गया। इस बयान में कहा गया कि केंद्र सरकार से मोर्चा ने 6 मांगें की थीं, लेकिन इनमें से ज्यादातर पूरी नहीं हुई हैं।
मोर्चा के नेताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार किसानों की बकाया मांगों पर चुप्पी साधे हुई है। बयान की भाषा को देखकर साफ लग रहा है कि एसकेएम मोदी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि एसकेएम ने जब आंदोलन खत्म करने का संकेत बीते दिनों दिया था, राकेश टिकैत ने साफ कर दिया था कि बिना मांगें पूरी हुए कोई भी किसान दिल्ली की सीमाओं से टलेगा नहीं।