
तुर्किये में भी जनता का हाल कुछ ऐसा ही है। लेकिन तबाही मचाने वाले भूकंप के दो झटकों से उबरने की जुगत में लगे इस देश में कुछ लोगों का क्रूज शिप पर जाने का सपना बड़े अजीबोगरीब ढंग से पूरा हुआ है।
भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिणी तुर्किये के राज्य हाताय के इस्केन्देरुन में हजारों लोग अभी लग्जरी क्रूज शिप्स पर दिन बिता रहे हैं, जिन्हें सरकार ने भूकंप से बेघर हुए लोगों के लिए शेल्टर बना दिया है।

इस्केन्देरुन के पोर्ट पर लंगर डाले खड़ा 538 फीट लंबा लग्जरी क्रूज शिप जेमिनी उन 5 क्रूज शिप्स में से एक है जो अभी पर्यटकों के ठहाकों और खुशनुमा संगीत से नहीं गूंज रहा।
जेमिनी शिप पर करीब 1000 लोगों को ठहराया गया है। ये सभी इस्केन्देरुन के रहने वाले हैं और भूकंप में अपने परिजन और अपना घर खो चुके
भूकंप के बाद तुर्की में करीब 17 लाख लोग बेघर हो चुके हैं। हाताय प्रांत में ही भूकंप के बाद से करीब 6.50 लाख लोगों ने ये इलाका ही छोड़ दिया है।
जो यहां रह गए हैं उनके सामने अब सबसे बड़ी मुश्किल सिर छुपाने के ठिकाने की है। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई फौरी उपाय किए हैं और जेमिनी जैसे क्रूज शिप्स भी इन्हीं उपायों में से एक हैं।
भूकंप से पहले जेमिनी पर्यटकों को तुर्किये से ग्रीस के द्वीपों तक सैर पर ले जाता था। दिसंबर में तुर्किये के ऊर्जा विभाग ने इस शिप को अपने स्टाफ की हाउसिंग के लिए लीज पर लिया था।
जब भूकंप आया तो सरकार ने शिप को इस्केन्देरुन पोर्ट पर ले जाने के आदेश दिए। इसे एक अस्थायी शेल्टर में बदल दिया गया है
शिप पर आने वाले ज्यादातर लोगों जिंदगी में पहली बार किसी लग्जरी क्रूज शिप पर कदम रखा है
30 साल की नर्स बसक आताय कहती हैं- ‘ये एक अजीब सपने की तरह है।’ बसक ने भूकंप में अपना घर खो दिया। उनके कई रिश्तेदारों की भी मौत हो गई
क्रूज शिप पर आने से पहले अपने परिजनों के साथ उन्होंने एक कार, फिर एक टेंट और फिर एक होटल में शरण ली थी। इस दौरान वो लगातार बतौर नर्स हॉस्पिटल के इमरजेंसी रूम में भी काम करती रहीं।
वो याद करती हैं कि क्रूज शिप पर आने के बाद उन्हें कई दिनों बाद अच्छी नींद आई। वो अभी भी हॉस्पिटल में काम कर रही हैं जो पोर्ट से 20 मिनट की दूरी पर है
बसक कहती हैं- ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि कभी ऐसे हालात में किसी क्रूज शिप पर आऊंगी। हम अक्सर बात करते हैं कि लोगों ने यहां कैसी खुशनुमा यादें बनाई होंगी। मगर हम टूटे दिलों के साथ क्या खुशनुमा यादें बनाएंगे
डेक-6 पर रह रहीं 72 साल की आयसे अकीगोज अपने 15 पोते-पोतियों के लिए स्वेटर्स बुनती हैं। वो बताती हैं कि उम्र की वजह से उन्हें तो क्रूज शिप पर जगह मिल गई, मगर उनके पोते-पोतियां अभी भी टेंट्स में रह रहे हैं