भोपाल:– शरीर का पीएच संतुलन बनाए रखना स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है, क्योंकि इसका असंतुलन कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं को जन्म दे सकता है. आज हम आपको असंतुलित पीएच के लक्षणों के बारे में बताएंगे ताकि समय रहते इन संकेतों को पहचान सकें और आवश्यक कदम उठा सकें.
असंतुलित पीएच के संभावित लक्षण लगातार थकान या ऊर्जा की कमी: शरीर का अम्लीय वातावरण कोशिकाओं की कार्यक्षमता को कम कर सकता है, जिससे थकान बनी रहती है.
पाचन संबंधी समस्याएं: जैसे गैस, अपच, एसिडिटी या कब्ज – ये संकेत हो सकते हैं कि शरीर का पीएच असंतुलित है.
बार-बार संक्रमण होना: अम्लीय वातावरण बैक्टीरिया और वायरस को पनपने में मदद करता है, जिससे बार-बार सर्दी-जुकाम या यूरिनरी इंफेक्शन हो सकता है.
त्वचा की समस्याएं: जैसे एक्ने, ड्राय स्किन, रैशेज़ – ये संकेत कर सकते हैं कि शरीर का आंतरिक संतुलन बिगड़ गया है.
जोड़ों में दर्द या मांसपेशियों में जकड़न: अम्लीय वातावरण शरीर में सूजन और ऐंठन का कारण बन सकता है.
हड्डियों का कमजोर होना
अगर शरीर अधिक अम्लीय होता है, तो वह इस अम्लता को संतुलित करने के लिए हड्डियों से कैल्शियम निकालना शुरू कर देता है.
मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन: हार्मोनल असंतुलन और न्यूरोट्रांसमीटर पर प्रभाव के कारण मानसिक असंतुलन महसूस हो सकता है.
शरीर का पीएच संतुलन बनाए रखने के कुछ उपाय
हरी सब्ज़ियों, फलों और पानी का अधिक सेवन करें.
प्रोसेस्ड फूड, चीनी और रेड मीट से दूरी बनाएं.
नियमित व्यायाम और योग करें.
तनाव को कम करने की कोशिश करें – मेडिटेशन इसमें मददगार हो सकता है.
पर्याप्त नींद लें.