नई दिल्ली :- इन दिनों पितृ पक्ष का दौर चल रहा है इसमें वंशज, अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध की प्रक्रिया और अनुष्ठान करते है। इस स्थिति में नियमों के अनुसार पितरों की पूजा करके उनकी पसंद का भोज बनाया जाता है। वैसे तो परिवार में किसी सदस्य का निधन हो गया है इस दौरान साथ रहते हुए आपने कोई गलती कर ली है तो पितृ पक्ष के दौरान इन गलतियों को दूर करने के लिए आप तर्पण की विधि कर सकते है। ऐसा करने से पितरों को शांति मिलती है तो वहीं पर दान-पूजन करने से पुण्य मिलता है।
लेकिन आपने सोचा किसी व्यक्ति की आकस्मिक मौत हो जाए औऱ इसका तर्पण करने के लिए क्या नियम होंते है। जानिए इसके बारे में
बहुत छोटी उम्र में निधन हो जाए तो
अगर उम्र से पहले किसी भी रिश्तेदार, या अपने का निधन हो जाता है यानि ऐसी स्थिति में पितृ पक्ष में कैसे तर्पण हो सकता है। इससे से में उस घर में किसी न किसी तरह की परेशानी या समस्या बनी रहती है. परिवार पर कई आकस्मिक परेशानियां, हेल्थ से जुड़ी परेशानियां देखने को मिलती हैं. ऐसे घरों में पितृदोष रहता है। ऐसी स्थिति में दिवगंत आत्मा की शांति के लिए सही विधि में तर्पण की विधि कर सकते है। इसे लेकर ज्योतिष व वास्तु विशेषज्ञ, डॉ. मधुप्रिया ने बताया कि, निधन के बाद तर्पण की विधि ना की जाए तो, ऐसे में उस घर में किसी न किसी तरह की परेशानी या समस्या बनी रहती है। परिवार पर कई आकस्मिक परेशानियां, हेल्थ से जुड़ी परेशानियां देखने को मिलती हैं, ऐसे घरों में पितृदोष रहता है और इन घरों में आप टूटते हुए रिश्ते देखते हैं या आर्थिक नुकसान होने लगता है।
शादी से पहले हो जाए मौत
अगर किसी शख्स की शादी से पहले ही मौत हो जाती है तो इस स्थिति में इनके लिए भरणी पंचमी तिथि के दिन किया गया श्राद्ध तर्पण करना और फिर दान देना शांति एवं सुख प्रदान करता है और उनका आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है। इसे लेकर हिंदू पंचाग में कहा गया है कि, पंचमी तिथि 21 सितंबर को पड़ रही है इसी तरह से अगर कोई ऐसी महिला हो, जिसके देहांत की तिथि सही न पता हो, तो उनके लिए नवमी के दिन श्राद्ध तर्पण करना चाहिए। इस तरह महिला का तर्पण करने से यदि आपकी कुंडली में कोई मातृ ऋण है जो उससे आप निकल जाते हैं. इस साल नवमी तिथि 25 सितंबर को पड़ रही है।
बता दें कि, इस साल कन्या राशि में केतु और मीन राशि में राहू 18 साल बाद आए हैं. इसलिए सूर्य केतु के साथ विद्यमान रहेंगे. जिनकी भी कुंडली में सूर्य-केतु दोष है, या ग्रहण योग या पितृ दोष बन रहा है, उनके लिए अपने वजन के अनुसार पितृ के नाम पर गुड़ का दान करना बहुत ही अच्छा रहेगा।