नई दिल्ली:– सोचिए, सुबह की चाय अकेले पीना, वीकडेज में पूरी तरह अपने करियर या हॉबीज में डूबे रहना और फिर वीकेंड पर अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिताना! पढ़ने में थोड़ा फिल्मी लगता है ना? मगर ये हकीकत है उन कपल्स की जो शादीशुदा होते हुए भी सिंगल लाइफ का मजा ले रहे हैं। इसे कहते हैं ‘Weekend Marriage’ यानी एक ऐसा ट्रेंड जो धीरे-धीरे दुनियाभर के कई मेट्रो शहरों में आम होता जा रहा है।
जाहिर तौर पर यह ट्रेंड पारंपरिक शादी के ढांचे से बिल्कुल अलग है, जहां न कोई रोज के झगड़े, न ही हर दिन की जवाबदेही। बस हफ्ते के कुछ खास दिन, जहां प्यार के साथ-साथ पार्टनर के स्पेस का भी ध्यान रखा जाता है आइए जानते हैं इस अनोखे रिश्ते के पीछे की सोच, फायदे-नुकसान और क्यों कुछ लोग इसे खुले दिल से अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं (What Is Weekend Marriage)।
क्यों Weekend Marriage चुन रहे हैं कुछ कपल?
करियर को प्राथमिकता: आज के समय में महिलाएं और पुरुष दोनों ही अपने करियर को लेकर गंभीर हैं। कभी-कभी एक ही शहर में नौकरी मिलना संभव नहीं होता, और तब वे यह मॉडल चुनते हैं।
पर्सनल स्पेस की जरूरत: कुछ लोग मानते हैं कि खुशहाल शादी के लिए थोड़ी दूरी भी ज़रूरी होती है। वीकेंड पर साथ समय बिताना और बाकी समय अपनी लाइफ को जीना- यह उन्हें संतुलन में रखता है।
कम झगड़े, ज्यादा प्यार: जब साथ कम समय बिताया जाता है, तो झगड़े भी कम होते हैं। हर मिलन खास बन जाता है, और रिश्ता ताज़ा बना रहता है।
खुद की पहचान बनाए रखना: कुछ लोग शादी के बाद भी अपनी स्वतंत्रता बनाए रखना चाहते हैं। इस मॉडल में वे अपनी पहचान और स्पेस बनाए रखते हैं
शादी का साथ सिंगल लाइफ का मजा
Weekend Marriage के जरिए कपल्स को ऐसा महसूस होता है कि वे शादीशुदा होते हुए भी अपनी ‘सिंगल’ जिंदगी जी पा रहे हैं। वे दोस्तों से मिल सकते हैं, अपने शौक पूरे कर सकते हैं और बिना किसी ‘पार्टनर की हर वक्त मौजूदगी’ के भी खुश रह सकते हैं।
क्या हर किसी के लिए सही है यह मॉडल?
हर रिश्ता अलग होता है और Weekend Marriage सबके लिए काम करे, ये जरूरी नहीं। यह रिश्ता भरोसे, समझदारी और इमोशनल मैच्योरिटी पर टिका होता है। अगर कपल्स के बीच विश्वास नहीं है, तो दूरी रिश्ते में खटास भी ला सकती है।
वीकेंड मैरिज के नुकसान
इमोशनल डिस्टेंस बढ़ सकता है।
बच्चों की परवरिश में मुश्किल हो सकती है।
अकेलापन महसूस हो सकता है।
फैमिली और सोशल प्रेशर झेलना पड़ सकता है।
वीकेंड मैरिज कोई आम चलन नहीं है, लेकिन यह दर्शाता है कि रिश्तों को निभाने के तरीकों में बदलाव आ रहा है। हर कपल को अपने रिश्ते की जरूरतों और प्राथमिकताओं को समझकर ही कोई रास्ता चुनना चाहिए। प्यार, सम्मान और भरोसा- चाहे रोज साथ रहें या सिर्फ वीकेंड पर, यही किसी भी रिश्ते की असली बुनियाद होती है।