नई दिल्ली।‘इंडिया’ की तरफ़ से अलग-अलग न्यूज़ चैलनों के ऐसे 14 एंकरों की सूची भी जारी की गई है, जिनके बहिष्कार का फ़ैसला लिया गया है. गठबंधन की तरफ से कहा गया है कि ‘नफ़रत भरे’ न्यूज़ डिबेट चलाने वाले ऐसे टीवी एंकरों के बहिष्कार का फ़ैसला किया गया है. भारत में यह ऐसा पहला बड़ा मौक़ा है जिसमें किसी राजनीतिक दल या गठबंधन ने सामूहिक तौर पर इस तरह का फ़ैसला लिया हो.
विपक्ष के इस फ़ैसले पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का कहना है, “हर शाम पांच बजे कुछ न्यूज़ चैनलों पर नफ़रत का बाज़ार सज जाता है. पिछले नौ साल से यही चल रहा है. अलग-अलग पार्टियों के कुछ प्रवक्ता इन बाज़ारों में जाते हैं. कुछ एक्सपर्ट जाते हैं, कुछ विश्लेषक जाते हैं. लेकिन सच यह है कि हम सब वहां उस नफ़रत के बाज़ार में ग्राहक के तौर पर जाते हैं.”
गठबंधन की ओर से जिन एंकरों के प्रोग्राम में अपने नेताओं को नहीं भेजने का फ़ैसला किया गया है; वो हैं- अदिति त्यागी, अमन चोपड़ा, अमीश देवगन, आनंद नरसिम्हन, अर्णब गोस्वामी, अशोक श्रीवास्तव, चित्रा त्रिपाठी, गौरव सावंत, नाविका कुमार, प्राची पाराशर, रुबिका लियाकत, शिव अरूर, सुधीर चौधरी और सुशांत सिन्हा.
एंकरों पर आरोप
पवन खेड़ा का कहना है कि नफ़रत भरा नैरेटिव समाज को कमज़ोर कर रहा है. लेकिन विपक्ष के इस फ़ैसले के बाद कई पत्रकारों, जिनमें ख़ासतौर पर टीवी चैनलों से जुड़े पत्रकार हैं और केंद्र में सत्ता पर बैठी बीजेपी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है.
‘इंडिया’ गठबंधन के इस फ़ैसले पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है, ”न्यूज़ एंकरों की इस तरह लिस्ट जारी करना नाज़ियों के काम करने का तरीक़ा है, जिसमें यह तय किया जाता है कि किसको निशाना बनाना है. अब भी इन पार्टियों के अंदर इमरजेंसी के वक़्त की मानसिकता बनी हुई है.”
न्यूज़ चैनल आजतक, इंडिया टुडे और जीएनटी के न्यूज़ डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद ने एक्स (पहले ट्विटर) पर इस फ़ैसले का विरोध करते हुए लिखा है, “मैं इस निरंकुश क़दम की कड़ी निंदा करता हूं. इस एकतरफ़ा क़दम को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.’’
एबीपी नेटवर्क के सीईओ और एनबीडीए के अध्यक्ष अविनाश पांडे ने इस फ़ैसले पर कहा, ”यह फ़ैसला मीडिया का गला घोंटने जैसा है. जो गठबंधन लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करता है वो इसे ख़त्म करता दिख रहा है. लेकिन हम अपने हर शो में सभी को बुलाएंगे.’’