नई दिल्ली:- बच्चे, बूढ़े या बड़े… अपने आसपास आपने कुत्ते द्वारा काटे जाने की कई घटनाएं सुनी होंगी. क्या आप जानते हैं, कुत्ते काटने की सबसे ज्यादा घटनाएं एशिया और अफ्रीका में होती हैं. डब्ल्यूएचओ की मानें तो दुनियाभर में हर साल लगभग 55 हजार लोग कुत्तों के काटने के बाद रेबीज की वजह से मर जाते हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि कुत्तों के काटने की घटना कितनी बड़ी और घातक है. अक्सर वैटनरी डॉक्टर इस तरह के व्यवहार के संकेत देते हैं कि कुत्ते कब काटते हैं, लेकिन आपने अपने घर में पाले हुए कुत्ते पर तो इसे समझ सकते हैं, पर गली के कुत्तों का क्या करे।
कुत्ते आखिर क्यों काटते हैं, कब काटते हैं ये एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब मिल जाए तो इससे सतर्क रहा जा सकता है. विज्ञान का पता नहीं, लेकिन ज्योतिष के पास इस समस्या का जवाब जरूर है. जानिए से कि आखिर कुत्ते कब काटते हैं और इसके उपाय क्या है।
जीवन में हर परिस्थिति, हर तरह के हालात हमारी ग्रह दशा को दर्शाते हैं. अगर परिस्थितियां अनुकूल हैं तो ग्रह भी अनुकूल हैं. वहीं इसके उलट अगर सबकुछ आपके साथ गलत हो रहा है, तो ग्रह भी आपका साथ नहीं दे रहे हैं. ज्योतिष में हमारे आसपास के जीवों का भी बहुत महत्व है. बात करें कुत्ते की तो ये ज्योतिष में शनि और राहु को दर्शाता है.
अगर कुंडली में राहु सही और अच्छे प्रभाव दे रहा है, घर में वायु तत्व वास्तु अनुसार सही है और बुद्ध ग्रह आपके पक्ष में है, अच्छा है, तब आप कुत्तों द्वारा परेशान नहीं होते हैं. अगर ये चीजें संतुलित हैं तो आपको कुत्ते नहीं काटते या कहें परेशान नहीं करते. कभी-कभी घर का वास्तु भी सही होता है लेकिन ग्रहों की दशा प्रतिकूल लग जाती है, तब हम जानवरों से परेशान होते हैं.
यदि ज्योतिष में कुत्ते की बात करें तो यदि शनि कुंडली में बहुत अच्छा है तो आपके कुत्ते वफादार रहते हैं. वहीं कुत्ते जब रिबेलियस होने लगते हैं तो या तो वास्तु दोष है. यानी घर में वायु तत्व बिगड़ा हुआ है. या फिर आपकी कुंडली में राहु और बुध खराब चल रहे हैं. किसी गलत भाव से गोचर कर रहे हैं या गलत राशि में हैं, गलत नक्षत्र में है जो आपको फेवर नहीं कर रहा है. काला कुत्ता शनि का माना जाता है. वहीं भूरा कुत्ता राहु का माना जाता है. इसके साथ ही चितकबरा जो कुत्ता होता है यानी सफेद और काला मिलाजुला, उसको हम केतु का प्रतीक भी मान लेते हैं.
अक्सर शनि की खराब दशा चल रही हो तो ये सुझाव दिया जाता है कि आप काले कुत्ते की सेवा करें. केतु अगर बहुत बुरे प्रभाव दे रहा हो, कुंडली में आठवें भाव से गुजर रहा हो, तब भी हम सलाह देते हैं कि काले कुत्ते की आप सेवा करें. उसको खाना खिलाएं. वही राहु की खराब दशा चल रही हो तो हम कहते हैं कि आप भूरे कुत्ते को खाना खिलाएं. इससे राहु के जो दुष्प्रभाव हैं वह कम होंगे क्योंकि राहु संतुष्ट होगा. इस तरह से आप इन चीजों का संतुलन कर सकते हैं।
अब बात आती है कुत्तों के काटने की. जहां पर काटना आ गया, यानी खून-खराबा, कलह, क्लेश आ गया, वहां मंगल जरूर होता है. जब भी आप घर में खूंखार कुत्ते पाल लेते हैं तो आप यह मानकर चलें कि अगर आप उनका पोषण कर रहे हैं तो आपने मंगल को पॉजिटिवली यूज किया है. वहीं अगर कुत्ता खूंखार हो गया है, तो राहु-मंगल का एक कॉन्बिनेशन बन रहा है. तभी आपका कुत्ता खूंखार हो रहा है. यानी ये कुत्ता काटने के लक्षण आपको दिखा रहा है.
मंगल जब आपका स्ट्रांग होता है तो आप पर कोई उंगली नहीं उठा पाता है. कोई जानवर भी आप पर हमला नहीं कर पाता है. इसे ऐसे समझें कि जब ग्रहों की स्थिति सही हो तो जो ग्रह हमें हर बुरे से बचा सकते हैं, उन्हें ग्रहों की स्थिति पलटने पर या कहें विपरीत होने पर हमें बुरे प्रभाव झेलने पड़ते हैं.
जब भी काटने की बात आएगी तो शनि राहु, केतु और ज्यादातर ऐसे केस में सिर्फ शनि या राहु की दशा चल रही होगी और वह मंगल से किसी ना किसी स्तर पर कोई ना कोई युति बना रहे होंगे. चाहे वह नक्षत्र के स्तर पर हो राशि के लेवल पर, लेकिन दशा जरूर बन रही होगी. युति का अर्थ है जब दोनों एक ही राशि में एक ही नक्षत्र में आ जाते हैं, इस तरह का कुछ योग बनता है, मंगल राहु से जुड़ा हो तभी कुत्ते काटते हैं, वरना नहीं काटते.
जैसा की साफ है कि कुत्तों को शनि और राहू से जोड़कर देखा जाता है तो कुत्ता न काटे या ऐसी परिस्थितियां न बनें आप शनि व राहू से जुड़े दान करें. इसके अलावा क्योंकि ये ग्रहों से जुड़ी बात हैं तो आप किसी ज्योतिष एक्सपर्ट को दिखा कर उनसे भी सही उपाय जान सकते हैं. कुत्तों की सेवा से ही आपके ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर हो जाते हैं. लेकिन अगर आप चाहते हैं कि कुत्ते आपकी जिंदगी से चले जाएं तब आप शनि-राहू से जुड़े उपाय करें. जैसे आप किसी सफाई कर्मचारी को एक्स्ट्रा 100 रुपए दे दें. या आप उन्हें कपड़े या खाने का दान कर दें. जो कर्मचारी सीवर साफ करते हैं, या कचरा उठाते हैं आप उन्हें कुछ खिलाएं या कपड़े दान दें. ये एक अच्छा उपाय है.