नई दिल्ली : साल 2023 में आई ’12वीं फेल’ फिल्म ने अभिनेता विक्रांत मैसी के करियर को एक नया मोड़ दिया है। फिल्म ने न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर जबर्दस्त कमाई की बल्कि हर वर्ग के दर्शकों से इसे प्यार और सराहना मिली। फिल्म में अपने किरदार के लिए विक्रांत ने फिल्मफेयर अवार्ड भी जीता। हालांकि, अभिनेता के लिए यह सफर आसान नहीं था। कई वर्षों तक छोटे पर्दे पर काम करने के बाद विक्रांत ने फिल्मों में छोटी भूमिकाएं करनी शुरू की थी। इसके बाद साल 2017 में उन्हें ‘ए डेथ इन द गंज’ फिल्म मिली, जो उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। एक साक्षात्कार में विक्रांत ने खुलासा किया कि वे दिग्गज दिवंगत अभिनेता इरफान खान के साथ भी काम करने वाले थे। इस दौरान विक्रांत ने इरफान खान से अपनी पहली मुलाकात का किस्सा भी साझा किया।
विक्रांत ने बताया, ‘इरफान साहब से मैंने अपनी बिल्डिंग की लिफ्ट में मिला था। मेरे घर के ऊपर एक थिएटर एक्टर रहते हैं, जो उनके अच्छे दोस्त हैं। वो उनके घर आए थे और मैं गाड़ी से कुछ सामान लेने जा रहा था। ऊपर से लिफ्ट नीचे आईं और जब उसका दरवाजा खुला तो मैंने इरफान साहब को देखा, मैंने बता नहीं सकता कि मैंने क्या महसूस किया था’।
इस दौरान ’12वीं फेल’ अभिनेता ने इरफान खान के साथ काम करने का किस्सा भी साझा किया। विक्रांत ने बताया कि उन्होंने इरफान के साथ एक फिल्म करने वाले थे। विक्रांत ने बताया, ‘विशाल भारद्वाज ‘सपना दीदी’ नाम से एक फिल्म बना रहे थे। उसमें दीपिका पादुकोण और इरफान साहब थे। फिल्म में मेरा भी एक रोल था। दीपिका और मैं लुक टेस्ट दे रहे थे और वह इरफान साहब मुख्य भूमिका में थे। हम अगले दिन उनसे मिलने वाले थे लेकिन जब अगले दिन मैं सो के उठा, तब तक उनके कैंसर की खबर सामने आ चुकी थी। इसके बाद सब कुछ रुक गया’।
विक्रांत ने इरफान खान को याद करते हुए बताया कि उनका पसंदीदा फिल्म ‘मकबूल’ था। हाल ही में इरफान खान के बेटे और अभिनेता ने बाबिल खान ने भी एक भावुक नोट शेयर अपने पिता को याद किया था। पोस्ट में बाबिल अपने पिता इरफान के साथ आखिरी बार डांस नहीं कर पाने का अफसोस जताया था।
बाबिल ने अपने नोट में आगे लिखा था, ‘कोई भी उन्हें उस तरह नहीं जानता था जैसे उन्हें मैंने जाना। यह कहना आसान है, उन्हें याद करना आसान है। उन्हें खोने के बारे में सोचकर भावुक होना और रोना आसान है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि मुश्किल क्या है? उनकी आवाज में उस चीज को याद करना जब वे ऊंची आवाज में मुझे बाबिलुउउउ कहकर बुलाते थे’।