छत्तीसगढ़:- राजनीतिक दल के नेता हर वर्ग को साधने की दिशा में काम कर रहे हैं। कांग्रेस पिछले पांच साल से जिन चीजों को लेकर काम कर रही थी, उसी दिशा में वह आगे बढ़ रही है। दूसरी तरफ भाजपा जिन योजनाओं का विरोध करती थी, घोषणा पत्र में उन्हीं बातों पर फोकस कर रही है। खास बात इस बार ये है कि दोनों ही तरफ की घोषणाएं महिलाओं की डायरेक्ट फायदा पहुंचाने वाली हैं। ऐसे में सरकार चाहे कांग्रेस की बने या भाजपा की, प्रदेश की एक करोड़ से अधिक महिलाओं को 12 से 15 हजार रुपए सालाना मिलना तय है। साथ ही गैस सिलेंडर भी सस्ते में मिलेंगे।
भाजपा ने हर विवाहित महिला को साल में 12 हजार देने की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस ने प्रत्येक महिला को साल में 15 हजार रुपए देने की घोषणा की है। निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कुल 2 करोड़ 3 लाख 93 हजार 160 मतदाताओं में 1 करोड़ 1 लाख 35 हजार 561 पुरुष और 1 करोड़ 2 लाख 56 हजार 846 महिला मतदाता हैं। यही नहीं राज्य की 90 में से 52 सीटों पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। इसीलिए दोनों ही प्रमुख पार्टियों ने महिलाओं पर फोकस करते हुए घोषणाएं की हैं।
दोनों ही दलों की घोषणाओं का तुलनात्मक रूप से अध्ययन किया जाए तो ऐसा कहीं नहीं लगता कि कोई एक-दूसरे से कम है। अब प्रदेश की महलाओं पर है कि वे किस पार्टी के वादे पर भरोसा कर रही हैं। जानकारों के मुताबिक कांग्रेस के वादे की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 20 हजार से भी ज्यादा महिला समूह एक्टिव हैं। हर समूह में 10 के आस-पास महिलाएं हैं। इस तरह इस योजना से करीब दो लाख महिलाओं को फायदा होगा।
आमतौर पर सभी महिला समूह रोजगार और छोटे-मोटे काम-धंधे बैंकों से कर्ज लेकर ही करते हैं। ऐसे में उन्हें इस घोषणा से फायदा होगा।
भाजपा ने महिला स्वसहायता समूहों के लिए सीधे कोई घोषणा नहीं की है, लेकिन बीपीएल परिवार में बच्ची के जन्म पर एक लाख रुपए का आश्वासन पत्र जारी करने का ऐलान किया है। यह योजना राज्य के 45 लाख से ज्यादा बीपीएल परिवारों के लिए फायदेमंद होगी। इसी तरह दस लाख रुपए तक निशुल्क इलाज, केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा जैसी योजनाएं भी शामिल हैं।