मध्यप्रदेश:– श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो चुकी है और इस समय लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा और भोजन का आयोजन करते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस अवधि में कुछ सब्जियों का सेवन वर्जित है. मुख्य रूप से लहसुन और प्याज का सेवन पूरी तरह मना है क्योंकि ये तामसिक माने जाते हैं और मन, शरीर व वातावरण में अशांति बढ़ाते हैं. इसके अलावा बैंगन, गाजर, खीरा, राई की पत्तियां, कटहल, मशरूम जैसी सब्जियों/सामग्री से भी परहेज करना चाहिए.
हिंदू शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में तामसिक भोजन से पितरों की पूजा प्रभावित होती है. इसलिए इस दौरान भोजन में सात्विक और हल्की सब्जियों का सेवन किया जाता है. जैसे लौकी, तोरई, कद्दू, पालक, मेथी आदि. ये न केवल पितृ पुण्य के अनुकूल मानी जाती हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि पितृपक्ष में इन सब्जियों से परहेज करने का उद्देश्य केवल धार्मिक नहीं है, बल्कि मानसिक शांति और श्रद्धा के भाव को बनाए रखना है. इस अवधि में भोजन सरल, सात्विक और हल्का होना चाहिए, ताकि पूजा के साथ आत्मिक शांति बनी रहे और पितृ तृप्त हों.