नई दिल्ली:- भारतीय रिजर्व बैंक के 90वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने बैंकिंग सेक्टर व वित्तीय सेक्टर में पिछले दस वर्षों के दौरान हुए बदलाव का श्रेय अपनी सरकार की नीति, नियत व निर्णय लेने में स्पष्टता को दिया। साथ ही अपनी अगली सरकार और आरबीआइ के आगामी एजेंडे की तरफ भी इशारा किया। आम चुनाव 19 अप्रैल से 01 जून, 2024 के दौरान सात चरणों में होने वाला है।
सत्ता में लौटने का दावा
पीएम मोदी लगातार सार्वजनिक सभाओं में भाजपा सरकार के सत्ता में लौटने का दावा कर रहे हैं। आज भी उन्होंने कहा कि कहा कि ‘पिछले 10 साल में जो हुआ, वो तो सिर्फ ट्रेलर है। अभी तो बहुत कुछ करना है। अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है।
मोदी ने कहा कि अभी 100 दिन मैं चुनाव में बिजी हूं, तो आपके पास भरपूर समय है। आप सोचकर रखिए, क्योंकि शपथ लेने के दूसरे दिन ही झमाझम काम आने वाला है। यह बात उन्होंने आरबीआइ को उसके अगले दस वर्षों के लक्ष्यों के संदर्भ में कहा। उन्होंने कहा कि बहुत जरूरी है कि हमारे पास अगले 10 साल के लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट हों। हमें मिलकर अगले 10 साल में डिजिटल ट्रांजेक्शन की संभावनाओं को विस्तार देना होगा।
कई लोग बैंक में जाना पसंद करते हैं जबकि कई लोगों को डिजिटल डिलीवरी पसंद होती है। देश को ऐसी नीतियां बनाने की जरूरत है, जिससे बैंकिंग करना और आसान हो। साथ ही सभी को उनकी जरूरत के हिसाब से कर्ज मिल सके। इसके लिए आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग की निरंतर मदद लेनी चाहिए। भारत की प्रगति तेज गति से हो, समावेशी और सतत हो, इसके लिए रिजर्व बैंक को लगातार कदम उठाते रहने होंगे। सरकार आरबीआइ के साथ है।
मोदी ने आगे कहा कि सिर्फ 10 साल में इतना बड़ा परिवर्तन आना आसान नहीं था। ये बदलाव इसलिए आया क्योंकि हमारी नीति, नियत और निर्णयों में स्पष्टता थी। ये बदलाव इसलिए आया क्योंकि हमारे प्रयासों में दृढ़ता थी, ईमानदारी थी। आज देश देख रहा है, जब नियत सही होती है तो नीति सही होती है। जब नीति सही होती है, तो निर्णय सही होते हैं। और जब निर्णय सही होते हैं, तो नतीजे सही मिलते हैं।
एक नई अर्थव्यवस्था और नए करेंसी में प्रवेश कर चुके हैं। हमें मिलकर अगले 10 वर्षों में एक और बड़ा काम करना है। हमें भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ाना है। हमें कोशिश करनी है कि हमारी इकोनमी दुनिया के संकटों से कम से कम प्रभावित हो। आज भारत, ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ वैश्विक ग्रोथ का इंजन बन रहा है। इन स्थितियों में ये प्रयास होना चाहिए
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर आरबीआइ को दो विशेष काम सौंपे। एक, बहुत ज्यादा आर्थिक विस्तार और बढ़ते हुए कर्ज की स्थिति पर अध्ययन करना। दूसरा, विकास के लिए कितने कर्ज वितरण की जरूरत है। उसका आकलन करना और उसकी व्यवस्था करना।
