प्रतिवर्ष खगोलीय घटना के तहत वर्ष में केवल एकबार 22 दिसंबर को दिन सबसे छोटा और सबसे बड़ी रात होती है।
उज्जैन स्थित शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने यहां जारी विज्ञप्ति में बताया कि सौरमंडल का मुखिया सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण प्रतिवर्ष 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत स्थिति में होती है। इस दिन सूर्य की क्रांति 23 अंश 26 कला 14 विकला दक्षिण होगी जिससे उत्तरी गोलार्ध में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होती है।
उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर की दिन की अवधि 10 घंटे 41 मिनट तथा रात की अवधि 13 घंटे 19 मिनट होगी और इसी दिन सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करता है। इसके बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होना प्रारंभ हो जाती है, जिसे उत्तरायण का प्रारंभ कहते हैं।
श्री गुप्त ने बताया कि सूर्य उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े तथा रात छोटी होने लगेगी। इसके बाद प्रतिवर्ष 21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर होगा, तब दिन रात बराबर होंगे।
उन्होंने बताया कि जीवाजी राव वेधशाला में इस खगोलीय घटना को यहां स्थापित शंकु के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। आम जनता को यह घटना देखने के लिए वेधशाला में व्यवस्था की गई है।
#diesel #petrol america Assam Bhupsh Baghel Bilashpur Chhattisgarh Chhattisgarh police CM Bhupesh Baghel community corona infected Covid Covid 19 Vaccination COVID19 COVID19 VACCINE Covidrecovery found in Health Health Coin Health Ministry Healthcarefacilities Help Humanity india Jagdalpur Jagdalpur district lockdown Lockdowninchhattisgarh Omicron On December 22 patients PM Narendra modi Police Raigarh the day will be the longest night the shortest Winter Solstice 2021