भारत की स्वदेशी Agni-5 मिसाइल का परीक्षण सफल हो गया है, पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी देते हुए DRDO के वैज्ञानिकों को बधाई दी है. अग्नि-5 एक न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइल है जो मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक से लैस है. यह भारत के दुश्मनों के लिए एक चेतावनी की तरह है. इस मिसाइल के सफल परीक्षण से भारत की जद में सिर्फ चीन और पाकिस्तान ही नहीं बल्कि आधी दुनिया आ गई है.
भारत के पास अग्नि सीरीज की 1 से 5 तक मिसाइलें हैं, इनकी अलग-अलग रेंज हैं, अग्नि-5 इनमें से सबसे खास है, यह मिसाइल 5 हजार से भी ज्यादा दूर का लक्ष्य भेदने में सक्षम है. इसके परीक्षण में लिए भारत पिछले काफी समय से तैयारी कर रहा था. हालांकि ये परीक्षण कब होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी. माना जा रहा था कि 16 मार्च तक कभी भी भारत इसका परीक्षण कर देगा. इसके लिए ओडिशा तट के पास एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से 3500 किमी तक का क्षेत्र नो फ्लाई जोन घोषित किया गया था.12 मिनट में बीजिंग, डेढ़ मिनट में पाकिस्तान हो सकता है तबाहअग्नि-5 मिसाइल की रेंज और इसकी रफ्तार ही इसकी खासियत है, यह चीन और पाकिस्तान को पल भर में तबाह कर सकती है.
दिल्ली से बीजिंग की दूरी 3791 किमी है, यह दूरी तय करने में इस मिसाइल को 12.63 मिनट लगेंगे. इसके अलावा पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंचने में यह सिर्फ डेढ़ मिनट लगी. इतने कम समय में यह नई दिल्ली से इस्लामाबाद की 679 किमी की दूरी तय कर लेगी. मारक क्षमता को देखें तो पाकिस्तान के आगे अफगानिस्तान और ईरान तक इसकी जद में होंगे.यह हैं अग्नि-5 की खासियतअग्नि-5 एक इंटरमीडिएट रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है जो अपने साथ परमाणु हथियार भी ले जाने में सक्षम है.
इसमें थर्मोबेरिक हथियार भी लगाए जा सकते हैं. थर्मोबेरिक बम को आसान भाषा में वैक्यूम बम भी कहते हैं जो दुश्मन की सांसें रोक लेता है. एक अपने एक साथ 2490 किग्रा तक पेलोड तक ले जाने में सक्षम है, पेलोड का मतलब उस वजन से है जो ये मिसाइल अपने साथ ले जा सकती है.क्या है MIRV तकनीक, जिससे लैस है अग्नि-5पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में अग्नि-5 को MIRV यानी मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल तकनीक से लैस है, इसका मतलब है कि ये एक साथ कई टारगेट पर हमला कर सकता है.
इस मिसाइल की गति 6 किमी प्रति सेकेंड से ज्यादा है यह लक्ष्य से 40 मीटर दूर गिरने पर भी दुश्मन को पूरी तरह खत्म कर सकती है. ये 450 किमी की ऊंचाई तक जा सकती है, जो मिसाइल रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम यानी की उस क्षमता से लैस है जो उड़ान के बीच में ही अपना रास्ता बदल सकती है.
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