
रांचीः झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल इन दिनों सुर्खियों में है। महज 21 साल की उम्र में यूपीएससी की परीक्षा करने वाली पूजा सिंघल अपने करियर के सबसे मुश्किल दौरे से गुजर रही हैं। दरअसल मनरेगा फंड के गबन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने उनके ठिकानों पर दबिश देकर 20 करोड़ रूपये से ज्यादा का कैश बरामद किया है। इसके साथ ही ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। चलिए जानते हैं आखिर ये पूजा सिंघल है कौन?
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है पूजा सिंघल का नामदरअसल, पूजा सिंघल का मुलतः देहरादून की रहने वाली है। 7 जुलाई 1978 को जन्मी पूजा नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, उत्तराखंड से बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए की है। उन्होंने महज 21 साल की उम्र में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली थी और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया था।हेराफेरी के कई केस में आया था नामआईएएस बनने के बाद पूजा सिंघल की पहली पोस्टिंग झारखंड के हजारीबाग में हुई थी। 16 फरवरी 2009 से 14 जुलाई 2010 तक वह खूंटी में तैनात थीं। इस दौरान उन्हें मनरेगा फंड से 18 करोड़ की हेराफेरी के आरोप का सामना करना पड़ा था।
इसमें साल 2020 में राम विनोद सिन्हा की गिरफ्तारी हुई, जिसमें जांच के दौरान पूजा सिंघल के नाम का भी खुलासा हुआ। इसके साथ ही जब वह पलामू की उपायुक्त थीं, तो उन पर उषा मार्टिन समूह को कठौतिया कोयला ब्लॉक आवंटन ने अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था।हर सरकार में पाया मनचाहा पदहैरानी की बात यह है कि सभी सरकारों के साथ IAS पूजा सिंघल के अच्छे संबंध रहे और वह अपने लिए मनचाहा पद हासिल करने में सक्षम थीं। बीजेपी की रघुबर दास सरकार में वह कृषि विभाग की सचिव थीं। लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भी वह लंबे समय तक मुख्य धारा से बाहर नहीं रहीं। हेमंत सरकार ने भी उन्हें पोस्ट किया और खदान, उद्योग और जेएसएमडीसी के अध्यक्ष जैसे अहम विभागों की जिम्मेदारी सौंपी।