नई दिल्ली:– प्राचीन भारत के महान विद्वान, राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने जीवन की जटिलताओं को सरल बनाने के लिए ‘चाणक्य नीति’ की रचना की. इस नीति ग्रंथ में उन्होंने सामाजिक व्यवहार, राजनीति, अर्थनीति और संबंधों को लेकर अनेक उपयोगी बातें बताई हैं. खासकर, किन लोगों से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, इसका उल्लेख उन्होंने बहुत ही सटीक उदाहरणों के साथ किया है. अगर समय रहते ऐसे लोगों से दूरी नहीं बनाई, तो जीवन में पछताना तय है.
- चोर से रहें 4 कदम दूर
चाणक्य कहते हैं कि चोर यानी चोरी करने वाला व्यक्ति सिर्फ वस्तुओं की ही चोरी नहीं करता, वह आपके विश्वास और सुरक्षा की भावना की भी चोरी कर लेता है. ऐसे लोग कभी किसी के अपने नहीं होते. अगर ऐसे व्यक्ति से करीबी बना ली, तो एक दिन वह आपके ही घर से कुछ गायब कर सकता है. इसलिए उससे कम से कम 4 कदम की दूरी हमेशा बनाए रखें. - नीच व्यक्ति से रहें 14 कदम दूर
नीच व्यक्ति यानी जो दूसरों का बुरा चाहता है, दूसरों की मेहनत से जलता है और अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. चाणक्य ने ऐसे व्यक्तियों से 14 कदम की दूरी रखने की सलाह दी है. नीच स्वभाव वाला व्यक्ति आपकी तरक्की से घृणा करता है और अवसर मिलते ही आपकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचाता है. - चुगलखोर से रहें 74 कदम दूर
चुगलखोर व्यक्ति सबसे खतरनाक होता है क्योंकि वह रिश्ते बिगाड़ता है, झूठ फैलाता है और अपनों के बीच दरार पैदा करता है. चाणक्य ने चुगलखोर से 74 कदम की दूरी बनाए रखने की चेतावनी दी है. ऐसे लोग आपके शब्दों को तोड़-मरोड़कर दूसरों तक पहुंचाते हैं जिससे रिश्तों में अविश्वास की दीवार खड़ी हो जाती है.
Acharya Chanakya की ये नीतियां आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी तब थीं. जीवन में सुख, शांति और सफलता पाने के लिए यह जरूरी है कि हम गलत संगति से बचें और सही लोगों को पहचानें. वरना समय बीत जाने के बाद हाथ मलने के अलावा कुछ नहीं बचेगा.