जोमेटो ने वेज ग्राहकों के लिए शुरू की नई सर्विस, विरोध के बाद अब कंपनी ने दी सफाई, जानिए क्या है पूरा मामलाZomato: फूड डिलीवरी प्लेटफार्म जोमैटो ने शाकाहारी खाना खाने वाले ग्राहकों के लिए प्योर वेज मोड सर्विस शुरू करने का ऐलान किया था। लेकिन इस सर्विस का सोशल मीडिया पर भारी विरोध शुरू हो गया। अब कंपनी ने इसपर सफाई दी है। कंपनी के मुताबिक, सभी डिलीवरी पार्टनर्स पहले की तरह रेड ड्रेस को पहनना जारी रखेंगे।
नई दिल्ली: फूड डिलीवरी प्लेटफार्म जोमैटो (Zomato) एक बार फिर से चर्चा में है। जोमैटो ने वेजिटेरियन ग्राहकों के लिए शुरू की गई डिलीवरी सर्विस पर सफाई दी है। दरअसल कंपनी की प्योर वेज मोड सर्विस को शुरू होने से पहले ही भारी विरोध का सामना करना पड़ा है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) दीपिंदर गोयल ने बीते मंगलवार को शाकाहारी भोजन पसंद करने वाले कस्टमर के लिए प्योर वेज मोड सर्विस शुरू करने का ऐलान किया था। गोयल ने सोशल नेटवर्किंग मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा शाकाहारी जनसंख्या भारत में है।उन्होंने कहा कि नई सेवाएं ऐसे ग्राहकों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर शुरू की हैं।
जोमैटो के पूर्ण शाकाहारी बेड़े में हरे रंग के डिब्बे होंगे न कि पारंपरिक लाल डिब्बे में। इस ऐलान के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जोमैटो काफी ट्रेड हो रहा है। कई लोग इसका विरोध कर रहे हैं। अब जोमैटो ने कहा है कि उसके सभी डिलीवरी पार्टनर लाल रंग की ड्रेस को पहनना जारी रखेंगे।
इस वजह से शुरू हुआ विरोधजोमैटो की इस सर्विस के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर इसका विरोध शुरू हो गया। इस बढ़ते विरोध के बीच जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा कि ग्रीन ड्रेस के इस्तेमाल से डिलीवरी पार्टनर्स के बीच अंतर आता है। हमने इस अंतर को हटाने का फैसला किया है। कहा कि हमारे सभी पार्टनर्स जो वेज या नॉन वेज डिलीवरी करते हैं, पहले की तरह लाल रंग की ड्रेस पहनना जारी रखेंगे।वेज ऑर्डर ऐप पर देख सकेंगेदीपिंदर गोयल के मुताबिक, ऐसे कस्टमर जो प्योर वेज ऑर्डर चुनते हैं अपने मोबाइल ऐप पर इसकी जानकारी ले सकेंगे।
ग्राहक देख सकते हैं कि उनके ऑर्डर केवल वेजिटेरियन फ्लीट द्वारा वितरित किए जा रहे हैं। सभी पार्टनर्स के एक समान रेड ड्रेस से डिलीवरी पार्टनर्स की परेशानी दूर होगी। दरअसल डिलीवरी पार्टनर्स में अंतर होने की स्थिती में उनके निशाने पर आने का डर था। इससे डिलीवरी पार्टनर्स और ग्राहक दोनों के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती थी।