छत्तीसगढ़ :– कड़ाही खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने रायपुर में छापा मारकर 1000 किलो नकली पनीर जब्त किया है। इसकी कीमत करीब 4 लाख रुपए है। पनीर मध्य प्रदेश के मुरैना और भोपाल से लाकर रायपुर में गोकुल नगर के मकान में पाव, आधा किलो के पैकेट में पैक किया जा रहा था। इसे
शुद्ध पनीर बताकर दुकानों और होटलों में सप्लाई किया जाना था। छापेमारी के दौरान मौके पर सौरभशर्मा मिला, जिसने मकान को फैक्ट्री के रूप में तब्दील कर टीम ने पनीर का सैंपल लेने के साथ ही पूरा स्टॉक जब्त कर लिया है। साथ ही रिपोर्ट आने तक मकान नुमा फैक्ट्री सील कर दी।
ऐसी पैकिंग में नकली पनीर आ रहा है।
6 माह में 6 हजार किलो पनीर नष्ट कर 4 फैक्ट्रियां सील, पर फिर शुरू हुआ धंधा
खाद्य एवं औषधि विभाग ने पिछले छह महीने के दौरान बिरगांव, धनेली, निमोरा और भाठागांव में नकली पनीर की फैक्ट्रियों में छापेमारी कर करीब 6000 किलो से ज्यादा का स्टॉक जब्त किया था। इन फैक्ट्रियों में दूध पाउडर में नारियल तेल मिलाकर नकली पनीर बनाया जा रहा था।
छापेमारी के बाद फैक्ट्रियों को सील कर पूरा स्टॉक जब्त किया गया। बाद में उसे नष्ट कर उनका प्रकरण कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में केस चल रहा है, लेकिन इस बीच जहां जहां छापेमारी की गई थी, वहां धीरे-धीरे नकली पनीर की फैक्ट्री फिर खुलने लगी। गोकुल नगर में जिस सौरभ शर्मा की फैक्ट्री में छापेमारी की गई है वहां नकली पनीर और नकली खोवा जब्त किया गया। सौरभ पर नकली पनीर और खोवा बेचने का केस चल रहा है। शेष| पेज 13
सौरभ मुरैना में नकली पनीर बनाता था, कार्रवाई हुई तो छत्तीसगढ़ आ गया
वाला है। उसके बारे में जानकारी मिली है कि वह मुरैना में भी नकली पनीर का धंधा करता था। लोगों की सेहत से खिलवाड़ को रोकने के लिए मध्य प्रदेश में सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका लगाने की कार्रवाई शुरू की, तो वह छत्तीसगढ़ में आ गया। यहां उसने
मिलावट का कारोबार शुरू कर
दिया। सौरभ ने ट्रेन के माध्यम से 5100 किलो पनीर मंगवाया था। स्टेशन पर जांच में उसका स्टॉक पकड़ा गया। उसका पनीर नकली यानी दूध पाउडर से बना निकला था। उसका पूरा स्टॉक खाद्य विभाग के कालीबाड़ी स्थित कार्यालय में रखा गया था। वहां से आधी रात 2400 किलो
ऐसे बनता है नकली या अमानक पनीर
दूध के पनीर में प्राकृतिक तौर पर फैट होता है, लेकिन दूध पाउडर से बने पनीर में प्राकृतिक फैट नहीं होता। इसमें फैट के लिए वेजिटेबल ऑयल जिसमें खासतौर पर नारियल तेल होता है, उसे मिलाया जाता है। नारियल तेल और पानी मिलाने के बाद उसे पकाकर उसमें नींबू डालकर फाड़ा जाता है, उसके बाद पनीर बनाया जाता है। खाद्य विभाग के अफसरों ने बताया कि दूध पाउडर से बना पनीर बेचना पूरी तरह प्रतिबंधित नहीं है, लेकिन मिलावटखोर इसे लोगों को धोखा शुद्ध दूध का पनीर बताकर बेचते हैं। गोकुल नगर से जो पनीर जब्त किया गया है, उसे जिस पैकेट में पैक किया जा रहा था, उसमें भी शुद्ध पनीर लिखा है, है, व कहीं भी ये उल्लेख नहीं है कि ये दूध पाउडर से बना है।
पनीर गायब हो गया था। मीडिया
में खबर वायरल होने के बाद रातोंरात पनीर वापस रख दिया गया। इस मामले में खाद्य विभाग के एक अधिकारी को निलंबित भी किया गया था। उसके बाद सौरभने नकली खोवा मंगवाना शुरू कर दिया। खाद्य विभाग ने उस दौरान भी छापेमारी कर नकली खोवा जब्त किया था।
पेट व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक
नकली और अमानक पनीर निश्चित तौर पर पेट के लिए हानिकारक होता है। ये सिंथेटिक होता है इसे बनाने के लिए मापदंडों का सही पालन नहीं होता। इससे डाइजेशन यानी पेट का सिस्टम गड़बड़ाता है। ऐसा होने से पेट से संबंधित बीमारी होने का खतरा रहता है। हालांकि अभी जो पनीर पकड़ा गया है, उसमें कौन-कौन सा अमानक कंटेंट है, उसकी जानकारी नहीं है। सेंपल के कंटेंट सामने आने के बाद ही पता लगेगा कि नकली पनीर कितना खतरनाक है। वैसे आर्टिफिशियल होने से नुकसानदायक है।