नई दिल्ली:– त्रिपुरा की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देते हुए अवैध घुसपैठ का मामला सामने आया है। बीएसएफ ने धर्मनगर में 6 बांग्लादेशी नागरिकों को बिना वैध दस्तावेजों के पकड़ा, जो भारत में गैरकानूनी तरीके से दाखिल हुए थे। इस दौरान उनके साथ मौजूद दो भारतीय नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया, जिन पर इनकी घुसपैठ में मदद करने का आरोप है। सभी को अदालत में पेश कर 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
बीएसएफ की त्वरित कार्रवाई के बाद सभी आठों को धर्मनगर पुलिस को सौंप दिया गया। थाना प्रभारी श्रीकांत बर्धन ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि गिरफ्तार बांग्लादेशियों का भारत आने का कोई वैध कारण या दस्तावेज नहीं था। वहीं जिन दो भारतीयों को पकड़ा गया, उन्होंने इन लोगों को सीमा पार कराने में सहायता की थी। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि कहीं इनका संबंध किसी मानव तस्करी या आतंकी नेटवर्क से तो नहीं है।
सीमा सुरक्षा पर उठे सवाल, प्रशासन अलर्ट पर
धर्मनगर के इंटर स्टेट बस टर्मिनल पर शुक्रवार शाम पकड़े गए इन संदिग्धों ने सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सीमा पर निगरानी बढ़ाने और गुप्त तस्करी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की मांग की है। बीएसएफ की ओर से भी कहा गया है कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर गश्त बढ़ाई जाएगी और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
सिधाई में दो और बांग्लादेशी गिरफ्तार, जांच तेज
इसी दिन पश्चिम त्रिपुरा के सिधाई थाना क्षेत्र के बेलफुंग इलाके से दो अन्य बांग्लादेशी नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया। वे एक वाहन से खोवाई की ओर जा रहे थे। पुलिस ने इन्हें भी हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया। इन सभी मामलों में पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इनके पीछे कोई संगठित नेटवर्क काम कर रहा है जो घुसपैठ को अंजाम देता है।
लगातार हो रही अवैध घुसपैठ की घटनाएं त्रिपुरा समेत पूरे पूर्वोत्तर की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई हैं। बीएसएफ और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ज़मीनी स्तर पर सख्त रणनीति और बेहतर निगरानी तंत्र की आवश्यकता है।