– कोई भी प्रॉपर्टी बेचने या खरीदने से आपकी इनकम भी बढ़ जाती है. इससे आपका टैक्स का दायरा भी बढ़ जाता है और आपको उसी हिसाब से टैक्स देना होता है. ऐसे में अगर आप अपना पुराना घर बेचकर नया खरीदने का प्लान कर रहे हैं तो पहले आपको इससे जुड़े इनकम टैक्स के नियमों के बारे में जानना जरूरी है. अपने टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स नहीं देने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपके खिलाफ कार्रवाई भी कर सकता है.
प्रॉपर्टी को खरीदने या बेचने पर आपको टैक्स देना होता है. लेकिन अगर आप अपनी खानदानी प्रॉपर्टी को बेचते हैं तो उस पर इनकम टैक्स के अलग नियम लागू होते हैं. आज हम आपको प्रॉपर्टी को बेचने या खरीदने पर नियमों के साथ साथ उस पर लगने वाले टैक्स को बचाने के तरीके भी बता रहे हैं.
Property Document : रजिस्ट्री से आप नहीं बन जाएंगे मालिक, प्रोपर्टी के मालिकाना हक के लिए सबसे जरूरी हाेता है ये डॉक्यूमेंटखानदानी प्रॉपर्टी को बेचने पर टैक्स के नियम-बता दें कि विरासत में मिली हुई प्रॉपर्टी रखने पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है. हालांकि कुछ राज्यों में खानदानी प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंटेशन के लिए आपसे फीस ली जा सकती है. लेकिन इसका टैक्स से कोई लेना देना नहीं होता है. वहीं अगर आप खानदानी प्रॉपर्टी को किराए पर देकर उससे कमाई करते हैं तो उसे आपकी इनकम के रूप में देखा जाता है. इसलिए उस पर आपको टैक्स देना पड़ेगा.
जब भी आप खानदानी प्रॉपर्टी को बेचते हैं तो उस पर लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म के हिसाब से टैक्स लगाया जाता है, जिसे कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है. प्रॉपर्टी बेचने पर कैपिटल गेन के मुताबिक टैक्स कैलकुलेशन होता है और उसी आधार पर आपको टैक्स देना होता है. बता दें कि इस पर आपको टैक्स बचाने का भी ऑप्शन मिलता है. अपनी खानदानी प्रॉपर्टी को बेचने पर आपको जो कैपिटल गेन होता है उस पर टैक्स बचाने के लिए आप किसी दूसरी प्रॉपर्टी में निवेश कर सकते हैं.
जब आप खानदानी प्रॉपर्टी को बेचते हैं तो उस पर होने वाली कमाई को इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाना जरूरी है. कोई भी प्रॉपर्टी बेचने पर अगर कैपिटल गेन होता है तो उसे आईटीआर में जरूर दिखाना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स चोरी को लेकर कार्रवाई कर सकता है.
