नई दिल्ली। देश की चार डीम्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले इंजीनियरों की नौकरी से फंस गई है। एआईसीटीई ने इन डीम्ड यूनिवर्सिटी की मान्यता खत्म कर दी थी। इस पर अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने प्रदेश के विकास प्राधिकरणों और आवास विकास में तैनात इन इंजीनियरों की रिपोर्ट एआईसीटीई को भेजी है। इनकी डिग्रियों की जांच शुरू हो गई है। इन चारों विश्वविद्यालय से पढ़ाई करने वाले इंजीनियरों को जल्द सेवा से विरत किया जा सकता है।
भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने कुछ साल पहले देश के चार बड़े डीम्ड यूनिवर्सिटी की मान्यता खत्म कर दी थी। यह यूनिवर्सिटी दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से चल रही थी। इनसे प्रदेश के तमाम विभागों के कर्मचारियों ने इंजीनियरिंग की डिग्री ले ली। डिप्लोमा करने वाले तमाम इंजीनियरों ने प्रमोशन पाने के लिए यहां से बीटेक की डिग्री ली। इसके जरिए उन्होंने आवास विभाग में नौकरी भी हासिल कर ली।
इन विवि से डिग्री लेने वाले कई इंजीनियर प्रदेश के विभिन्न विकास प्राधिकरणों में भी मान्यता गंवा चुकी इन डीम्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले तमाम अभियंता अभी काम कर रहे हैं। कार्रवाई की तैयारी तेजी से की जा रही एआईसीटीई ने मान्यता खत्म कर यहां से पढ़ाई करने वालों की डिग्री भी रद्द कर दी थी। अब ऐसे इंजीनियरों पर कार्रवाई की तैयारी तेज हो चुकी है। बता दें कि अपर मुख्य सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने इस संबंध में 24 जनवरी 2024 को आदेश जारी किया है।