*गोविन्दगढ़ रीवा/ प्रथम नगर आगमन पर सफेद शेरों की नगरी में पहेलियां समाज द्वारा उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का भव्य आत्मीय स्वागत किया गया इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक नागेन्द्र सिंह सहित जिला उपाध्यक्ष महिला मोर्चा भाजपा सीधी से सरस्वती बहेलिया एवं जिला पंचायत सदस्य मौजूद रहे जहां थाना परिसर में देश के प्रसिद्ध प्रजाति का फलों के राजा “सुंदरजा” आम का रोपण किया गया। भारतीय संस्कृति में माँ सदैव पूजनीय रही हैं। माँ की महिमा को अलग भिन्न -भिन्न तरीकों से वर्णित किया गया हमारे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करोड़ों देशवासियों से आह्वान किया है कि आइए माँ के नाम एक पेड़ लगाइए। पहल का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को संतुलित रख धरती माँ को हरियाली से सजाना संवारना है। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने अपने आतिथ्यीय उद्बोधन में कहा भारत भूमि पर पेड़-पौधों का महत्व धर्मग्रंथों में व्यापक रूप से भी वर्णित है। जिस तरह अलग-अलग अंचलों में विभिन्न बोली-भाषाओं का चलन है, उसी प्रकार विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे भी पाए जाते हैं। प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की इस पहल को साकार करने के लिए हर व्यक्ति माँ के नाम पर एक पौधा अवश्य लगाए। मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा धरती माँ का श्रृंगार हरियाली में निहित है। हमारी धरती को माँ के रूप में माना गया है और माटी को भी माँ का दर्जा दिया गया है। मध्यप्रदेश को प्रकृति ने अनुपम सौगात दी है, जहां अधिकांश भू-भाग वनों पहाड़ी वादियों से आच्छादित है। चंबल विंध्य संभाग हरियाली का मुकुट धारण किए हुए है और पंचमढ़ी अंचल हरियाली के श्रृंगार से सजा हुआ है! जहाँ सतपुड़ा और कैमोर के जंगल भी मन को मोह लेते हैं।

श्री शुक्ल ने पूरे प्रदेश में ‘”एक पेड़ माँ के नाम”‘ अभियान के लिए वन विभाग सहित शासकीय, अशासकीय संस्थाओं और समितियों द्वारा पौधारोपण कर जोरों से धरा श्रृंगार किया जा रहा है।धरती को उर्वरा, मौसम को खुशनुमा, स्वच्छ पर्यावरण, प्रदूषण रहित हवा, जलस्रोत को बढ़ावा और जल-जमीन-जंगल और जीवों के जतन की जिम्मेदारी सबकी सहभागिता से ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और धरती को फिर से श्रेष्ठ उर्वरा बनाने हमें ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान में हमें हिस्सेदारी लेते हुए धरा श्रृंगार करना होगा।श्री शुक्ल ने बताया परिवार के हर सदस्य को एक पौधा रोपण करने की आवश्यकता है इनकी देखभाल छोटे बच्चों की तरह देखभाल करनी होगी। जब यह पौधा पेड़ बनेगा, तो यह प्राणवायु के साथ फल देगा, माँ के आँचल की तरह इसके पत्ते लह-लहाएँगे, पेड़ों में चिड़ियों का वास होगा और उनकी चह-चहाहट सुनने को मिलेगी। इससे वर्तमान और नई पीढ़ी पेड़-पौधों की महत्ता को समझ सकेगी।आओ, हम सब मिलकर इस पहल में भाग लें और धरती माँ को हरियाली का श्रृंगार पहनाएँ। एक पेड़ माँ के नाम लगाकर हम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाएँ। इससे न केवल धरती हरी-भरी होगी, बल्कि हमारा भविष्य भी सुरक्षित रहेगा।
