छत्तीसगढ़:– जिला सुकमा में एसपी किरण चव्हाण के निर्देशन में छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति’’ एवं ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित होकर तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय 09 महिला सहित 23नक्सलियों के द्वारा नक्सल संगठन को छोड़कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक कार्यालय, जिला सुकमा में आनंद सिंह राजपुरोहित, उप पुलिस महानिरीक्षक (परि.) रेंज सुकमा,सैयद मोहम्मद हबीब असगर,उप पुलिस महानिरीक्षक (परि.) रेंज जगदलपुर, किरण चव्हाण, पुलिस अधीक्षक जिला सुकमा, गोपाल कुमार गुप्ता , कमांडेंट 227 वाहिनी सीआरपीएफ, कमलेश कुमार कमांडेंट 02 वाहिनी सीआरपीएफ,सुरेश सिंह पायल द्वितीय कमान अधिकारी डीआईजी ऑफिस सुकमा,नवीन कुमार यादव, द्वितीय कमान अधिकारी, 227 वाहिनीं सीआरपीएफ, अभिषेक वर्मा, अति. पुलिस अधीक्षक, सुकमा, अमरजीत गुप्ता, उप कमांडेंट डीआईंजी ऑफिस जगदलपुर , टी. सैमसन राजू, उप कमांडेंट, 02 वाहिनी सीआरपीएफ, मनीष रात्रे , उप पुलिस अधीक्षक, नक्सल ऑपस सुकमा, हर्षिल सहायक कमाडेंट 02 वाहिनी सीआरपीएफ एवं निरीक्षक मोहम्मद सुहैल सिद्दीकी , आरएटी जगदलपुर समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया।
उपरोक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन के नवीन पुनर्वास नीति ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025 ’’ के तहत् प्रत्येक को 50-50 हजार रूपये के मान से प्रोत्साहन राशि एवं अन्य सुविधायें प्रदान करायें जायेंगे। आत्मसमर्पित नक्सली मे पूर्व कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण मे शामिल रहे। अब तक का सबसे बड़ी रक़म ईनामी नक्सलियों के समर्पण से संघठन लगभग ख़ात्मे की ओर अग्रसर है।