नई दिल्ली:– देश की सबसे बड़ी कंसल्टेंसी फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के कर्मचारियों को अपने इंक्रीमेंट के लिए और तीन महीने का इंतजार करना होगा। कंपनी ने इसे दूसरी तिमाही के लिए टाल दिया है। इस मामले पर अपनी बात रखते हए टीसीएस के चीफ एचआर ऑफिसर मिलिंद लक्कड़ ने कहा कि हम अभी कर्मचारियों के सैलरी बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं ले पाए हैं।
पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड देखें तो कंपनी हर वित्तीय वर्ष में 1 अप्रैल से वेतन बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर देती है। पहली तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, कुल 5,090 कर्मचारियों ने कंपनी ज्वॉइन की। इसी के साथ देश के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर कंपनी में कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 6,13,000 से अधिक हो गई है।
पहली तिमाही में 2,700 करोड़ रुपये का मुनाफा
मिलिंद लक्कड ने कहा कि कंपनी में हुई हायरिंग को तिमाही ग्रोथ से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि इसकी प्लानिंग वार्षिक आधार पर की जाती है। बीते दिन कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहली तिमाही के नतीजे जारी किए, जिसमें बताया गया है कि कंपनी के आय में छह प्रतिशत की बढ़त के साथ कुल 12,700 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है।
भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर कंपनी की नजर
टीसीएस द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतन वृद्धि को टालना इंडस्ट्री के उन चुनौतियों को दर्शाता है जिनका कंपनियां भू-राजनीतिक संघर्षों, सप्लाई चेन की समस्याओं और चल रहे ट्रेड डील के कारण कर रही हैं, जिन पर निवेशक बारीकी से नजर रख रहे हैं। कंपनी ने अप्रैल में व्यापक आर्थिक अनिश्चितता के कारण वेतन वृद्धि रोक दी थी, जो उस समय अमेरिका और अन्य देशों के बीच टैरिफ युद्ध के कारण और भी धुंधली पड़ गई थी। टीसीएस को उम्मीद है कि जब भारत और अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करना शुरू करेंगे, तो आर्थिक माहौल में और स्पष्टता आएगी
टीसीएस कर्मचारियों की कब बढ़ेगी सैलरी?
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने गुरुवार को कहा कि उसने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह अपने कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी कब करेगी, क्योंकि पहली तिमाही के दौरान व्यापक आर्थिक अनिश्चितताएं बढ़ गईं, जिससे डील पूरे होने में देरी हुई और रेवेन्यू में गिरावट आई। राजस्व के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा प्रदाता स्थिति में सुधार होने पर वेतन वृद्धि के समय और मात्रा के बारे में जानकारी देगी।