नई दिल्ली:– AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी हाल ही में सरकार से जोरदार नाराजगी जाहिर की और सरकार और आरएसएस पर एक साथ निशाना साधा है। उन्होंने धार्मिक स्थलों से लेकर विदेश नीति और भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच तक कई गंभीर सवाल उठाए। ओवैसी का आरोप है कि सरकार इतिहास को दोहराने की ओर बढ़ रही है और मुसलमानों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है।
ओवैसी ने मोहन भागवत के बयान पर सवाल उठाया जिसमें उन्होंने कहा था कि काशी और मथुरा पर अब आरएसएस काम नहीं करेगा लेकिन ‘हमारे लोग’ वहां जा सकते हैं। ओवैसी ने पूछा कि अगर ऐसा है तो प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट क्यों बनाया गया था? क्या इस तरह की बातें यह संकेत नहीं देतीं कि 6 दिसंबर जैसा कुछ फिर से हो सकता है?
पार्टिशन का दोष मुसलमानों पर क्यों?
एनसीईआरटी की किताबों में बदलाव को लेकर ओवैसी ने कहा कि मुसलमानों को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराना गलत है। उन्होंने कहा कि विभाजन के लिए सावरकर, माउंटबेटन और उस समय की कांग्रेस सरकार जिम्मेदार थी। मुसलमानों को बार-बार कटघरे में खड़ा करना एक सोची-समझी साजिश है।
अब 1947 नहीं, 2025 है ये
ओवैसी ने असम और उत्तर प्रदेश में घर तोड़े जाने की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि ये 1947 नहीं, 2025 है। अब वक्त है कि अल्पसंख्यक समाज लोकतंत्र में अपनी भागीदारी तय करे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अब पंच, पार्षद और चेयरमैन बनकर लोकतंत्र को मजबूत करना चाहिए।
विदेश नीति पर भी सवाल
ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि चीन ने भारत की 2000 वर्ग किलोमीटर जमीन कब्जाई हुई है, लेकिन प्रधानमंत्री ने वहां जाकर कोई ठोस बात नहीं कही। उन्होंने आरोप लगाया कि एससीओ सम्मेलन में भारत को कमजोर दिखाया गया, फिर भी सरकार चुप है।
भारत-पाकिस्तान मैच पर नाराजगी
ओवैसी ने एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे क्रिकेट मैच पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जिस पाकिस्तान ने पहलगाम में हमला किया, वहां लोगों को धर्म पूछ-पूछ कर मारा गया, उसी के साथ भारत क्रिकेट खेल रहा है। उन्होंने पूछा कि अगर सरकार के किसी मंत्री की बेटी मारी जाती, तब भी क्या मैच होता?
सरकार शहीदों की नहीं, पैसे की सोच रही है: ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि सरकार और आरएसएस को शहीदों से ज्यादा क्रिकेट मैच से होने वाले पैसों की परवाह है। उन्होंने पूछा कि क्या 26 नागरिकों की जान की कोई कीमत नहीं है? उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के 56 इंच वाले बयान का हवाला देते हुए कहा कि जब हम पानी रोक सकते हैं तो क्रिकेट मैच क्यों नहीं?