छत्तीसगढ़:– छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बुधवार को सरगुजा में धर्मांतरण पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए सरकार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सख्त कानून पेश करेगी। मुख्यमंत्री साय सरगुजा में आयोजित बाबा कार्तिक उरांव के जन्म शताब्दी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे, जहां उन्होंने बाबा कार्तिक उरांव के नाम पर एक चौक का भूमिपूजन भी किया।
सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा ऐलान
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर पहले से एक कानून मौजूद है, लेकिन अब सरकार इसे और सख्त बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत में हर नागरिक को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है, लेकिन गरीबी, अशिक्षा और जागरूकता की कमी का फायदा उठाकर धर्मांतरण करवाना गलत है। सीएम साय ने कहा कि नए कानून के लागू होने के बाद ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सीएम विष्णुदेव साय ने इस मौके पर कांग्रेस सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने पांच साल तक सड़कों के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते कई इलाके बदहाल हो गए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को अभी केवल 21-22 महीने हुए हैं, लेकिन सड़कों की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। बारिश खत्म हो चुकी है, और अब आने वाले दिनों में अंबिकापुर की सड़कें भी बेहतर हो जाएंगी।
जबरन धर्मांतरण बर्दाश्त नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि जबरन धर्मांतरण के मामलों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं, लेकिन किसी की गरीबी या मजबूरी का फायदा उठाकर धर्मांतरण करना सामाजिक अन्याय है। हमारी सरकार इस पर सख्ती से अंकुश लगाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून का मकसद किसी धर्म विशेष को निशाना बनाना नहीं, बल्कि सामाजिक सद्भाव बनाए रखना है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बाबा कार्तिक उरांव को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि बाबा उरांव समाज के गौरव थे, जिन्होंने विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपनी संस्कृति और परंपराओं को कभी नहीं छोड़ा। उन्होंने जनजातीय समाज में शिक्षा के प्रसार और सामाजिक एकता के लिए अपना जीवन समर्पित किया। सीएम ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव का यह कथन—“जितना ज्यादा पढ़ेंगे, उतना ही समाज को गढ़ेंगे”—आज भी हमें प्रेरित करता है।
 
		