नई दिल्ली:– आजकल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए इलेक्ट्रिक बाइक की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. लेकिन क्या वाकई यह आपके लिए सही विकल्प है? अगर आप भी ई-बाइक खरीदने का सोच रहे हैं, तो पहले इसके फायदे और नुकसान जान लेना जरूरी है. यहां हम आपको आसान भाषा में बताते हैं कि इलेक्ट्रिक बाइक खरीदने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
इलेक्ट्रिक बाइक के फायदे
- पेट्रोल पर खर्च नहीं होगा: आज पेट्रोल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, ऐसे में इलेक्ट्रिक बाइक चलाने का सबसे बड़ा फायदा है कि इसमें ईंधन पर एक रुपया भी खर्च नहीं होता. बस चार्ज करें और चल पड़ें. इससे लंबे समय में आपकी जेब पर काफी असर कम पड़ता है.
- बेहद स्मूद और शांत राइड: इलेक्ट्रिक बाइक में इंजन नहीं होता, इसलिए यह चलते समय न तो शोर करती है और न ही कंपन देती है. शहर के ट्रैफिक या लंबी दूरी की यात्रा के दौरान इसकी स्मूद राइड आपको एक शांत अनुभव देती है.
- रखरखाव पर बहुत कम खर्च: पेट्रोल बाइक की तुलना में ई-बाइक में कम मैकेनिकल पार्ट्स होते हैं, इसलिए सर्विसिंग और मेंटेनेंस की जरूरत बहुत कम होती है. इंजन ऑयल, स्पार्क प्लग या फ्यूल फिल्टर जैसी चीजें बदलनी नहीं पड़तीं. बस ब्रेक, टायर और बैटरी की नियमित जांच काफी है.
- तुरंत पावर और बेहतर एक्सेलेरेशन: इलेक्ट्रिक मोटर थ्रॉटल घुमाते ही पूरी ताकत देती है. इसलिए पिकअप और एक्सेलेरेशन बेहद तेज होता है. इससे चलाने में मजा भी आता है और ट्रैफिक में आसानी से निकलना भी आसान हो जाता है.
- मॉडर्न टेक्नोलॉजी और फीचर्स: अधिकतर इलेक्ट्रिक बाइक नए डिजाइन और फीचर से लैस होती हैं. इनमें डिजिटल डिस्प्ले, मोबाइल कनेक्टिविटी, हिल होल्ड असिस्ट, रिवर्स मोड जैसे आधुनिक फीचर्स मिलते हैं, जो इन्हें और भी स्मार्ट बनाते हैं.
इलेक्ट्रिक बाइक के नुकसान
- कीमत ज्यादा होती है: इलेक्ट्रिक बाइक की शुरुआती कीमत पेट्रोल बाइक से लगभग 25-30% अधिक होती है. यानी अगर किसी पेट्रोल बाइक की कीमत ₹1 लाख है, तो उसी सेगमेंट की ई-बाइक ₹1.25 लाख या उससे ज्यादा में आती है.
- रीसेल वैल्यू कम होती है: कुछ साल इस्तेमाल के बाद अगर आप बाइक बेचना चाहें, तो इलेक्ट्रिक बाइक की रीसेल वैल्यू पेट्रोल बाइक के मुकाबले कम होती है. इसका कारण है, बैटरी की लाइफ खत्म होना, जो बाइक का सबसे महंगा हिस्सा होती है.
- सीमित रेंज: आज भी ज्यादातर ई-बाइक्स की रेंज 120-180 किलोमीटर के बीच होती है. अगर आप रोज लंबी दूरी तय करते हैं या लंबी ट्रिप पर जाना चाहते हैं, तो चार्जिंग की चिंता बनी रह सकती है. वहीं पेट्रोल बाइक एक बार फुल टैंक में 400-500 किलोमीटर तक चल जाती है.
- चार्जिंग में ज्यादा समय लगता है: जहां पेट्रोल बाइक कुछ मिनटों में फुल हो जाती है, वहीं ई-बाइक को चार्ज करने में 3 से 5 घंटे तक लग सकते हैं. फास्ट चार्जर होने पर भी 30 से 40 मिनट का समय तो लगता ही है.
- चार्जिंग स्टेशन की कमी: भारत के छोटे और मझोले शहरों में अभी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है. कई बार चार्जिंग स्टेशन ठीक से काम नहीं करते या भीड़ ज्यादा होने पर लंबा इंतजार करना पड़ता है।
