मध्यप्रदेश:– आजकल मौसम बहुत तेजी से बदल रहा है. कभी ठंडक तो कभी नमी आ जाती है. ऐसे में सर्दी-जुकाम, खांसी और साइनस की समस्या बढ़ जाती है. लोग आमतौर पर मानते हैं कि बदलता मौसम सिर्फ बुखार, जुकाम या खांसी लाता है, लेकिन इसका असर कानों पर भी पड़ता है. इस मौसम में कान का संक्रमण बहुत आम समस्या बन जाती है. यहां जानिए, इससे कैसे बचा जा सकता है.
कान में संक्रमण क्या है
कान में संक्रमण तब होता है जब बैक्टीरिया या वायरस कान के अंदर खासकर मध्य कान / में सूजन या पस बना देते हैं. यह स्थिति दर्दनाक हो सकती है और कई बार सुनने की क्षमता को अस्थायी रूप से प्रभावित करती है.
कान के इंफेक्शन के मुख्य कारण
सर्दी-जुकाम या साइनस से संक्रमण का फैलना
मौसम में अचानक बदलाव ठंड से गर्मी या नमी में जाना
कान में पानी जाना, खासकर नहाते या तैरते समय
कान की सफाई में गलती तेज़ वस्तु या कॉटन बड गहराई तक डालना
एलर्जी या ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण
कान के संक्रमण के लक्षण
कान में दर्द या भारीपन महसूस होना
कान से पस या तरल पदार्थ निकलना
सुनाई देने में कमी
कान में आवाज़ गूंजना
बुखार या सिरदर्द
छोटे बच्चों में चिड़चिड़ापन या कान को बार-बार छूना
घरेलू उपचार और बचाव के उपाय
कान को सूखा और साफ रखें.
सर्दी या जुकाम में नाक बंद न रहने दें, भाप लें.
बिना डॉक्टर की सलाह के कान में ड्रॉप्स न डालें.
तेज हवा या धूल से कान को ढकें खासकर बाइक चलाते समय.
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे अदरक, हल्दी, लहसुन और विटामिन C खाएं.
कब डॉक्टर से मिलें
दर्द 2–3 दिन से ज्यादा रहे.
कान से तरल या पस निकले.
बुखार और चक्कर बने रहें.
सुनाई देने में लगातार दिक्कत हो।
