नई दिल्ली:– बीते दिनों केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एक ऐसी योजना की शुरुआत की थी जिसमें पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को पैसे दिए जाएंगे। इसका नाम-प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) है। करीब 99,446 करोड़ रुपये के खर्च से शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य 2 वर्षों की अवधि में देश में 3.5 करोड़ से अधिक रोजगारों के सृजन को प्रोत्साहित करना है। योजना का लाभ 1 अगस्त, 2025 से 31 जुलाई, 2027 के बीच सृजित रोजगारों पर लागू है।
दो हिस्से में है योजना
पीएम-वीबीआरवाई योजना के दो हिस्से हैं जिनमें एक कर्मचारियों के लिए तो दूसरा कंपनियों के लिए है। दरअसल, ईपीएफओ में पहली बार रजिस्टर्ड कर्मचारियों को लक्षित करते हुए एक महीने का ईपीएफ वेतन, अधिकतम 15,000 रुपये दो किश्तों में दिया जाएगा। बता दें कि इसके पात्र 1 लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारी होंगे। पहली किश्त 6 महीने की सेवा के बाद,दूसरी किश्त 12 महीने की सेवा और कर्मचारी द्वारा वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद देय होगी। प्रोत्साहन राशि का हिस्सा एक निश्चित अवधि के लिए बचत या जमा खाते में रखा जाएगा और कर्मचारी बाद में इसे निकाल सकेगा।
नियोक्ताओं को भी मदद
सरकार की इस योजना में नियोक्ताओं या कंपनियों को भी मदद की जाए रही है। योजना के तहत सभी सेक्टरों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को कवर करेगा, जिसमें विनिर्माण सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नियोक्ताओं को एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि मिलेगी। सरकार कम से कम छह महीने तक निरंतर रोजगार वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्षों तक नियोक्ताओं को 3000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन देगी। विनिर्माण सेक्टर के लिए प्रोत्साहन राशि को तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।
ईपीएफओ के साथ पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह महीने के लिए निरंतर आधार पर कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी (50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) या पांच अतिरिक्त कर्मचारी (50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं के लिए) नियुक्त करने की आवश्यकता होगी।
