नई दिल्ली:– मेरठ में ढाई साल के बच्चे के इलाज में बड़ी लापरवाही सामने आई है। बच्चे को आंख के पास चोट लगी थी और खून बह रहा था। परिजन उसे नजदीकी निजी अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टर ने टांका लगाने के बजाय कहा
परिजन कुछ समझ पाते इससे पहले ही डॉक्टर ने फेवीक्विक लगाकर घाव चिपका दिया।
फेवीक्विक हटाने में लगे 3 घंटे
जब बच्चे का दर्द कम नहीं हुआ तो परिजन उसे दूसरे अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने बच्चे की चोट देखकर फेवीक्विक हटाने में 3 घंटे लगाए। इसके बाद ही सही तरीके से टांका लगाया जा सका। अब बच्चा सुरक्षित है।
कैसे लगी थी चोट
बच्चे मनराज सिंह को खेलते समय टेबल का कोना लग गया।
आंख के पास कट आया और खून बहने लगा।
परिवार उसे तुरंत अस्पताल लेकर गया, जहां यह लापरवाही हुई।
परिजनों की शिकायत—“आंख में चली जाती तो क्या होता?”
परिवार का कहना है कि अगर फेवीक्विक आंख में चली जाती तो बड़ा नुकसान हो सकता था। इसी वजह से उन्होंने इस मामले की शिकायत की।
CMO ने बनाई जांच कमेटी
बच्चे के पिता जसपिंदर सिंह की शिकायत पर मेरठ के CMO डॉ. अशोक कटारिया ने जांच कमेटी बना दी है।
CMO ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।
