नई दिल्ली:– एड्स एक ऐसी खतरनाक बीमारी है जिसका नाम सुनते ही इंसान के मन में डर पैदा जाता है। WHO के मुताबिक 2024 में करीब 40.8 मिलियन लोग पूरी दुनिया में एचआईवी से संक्रमित हैं। आकड़ों के मुताबिक 2024 में एचआईवी से लगभग 630,000 लोगों की मौत हुई हैं। अभी तक HIV AIDS को रोकने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। लेकिन बड़े डॉक्टर्स ने ऐसी दवाएं और इंजेक्शन ईजाद किए हैं जिनसे एचआईवी एड्स के खतरे को कम किया जा सकता
रिसर्च और ट्रायल के बाद LEN लेनाकापाविर नामक इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन एचआईवी संक्रमण से बचाव के लिए सुरक्षित माना गया है। इस इंजेक्शन से शरीर में इसकी मौजूदगी कम से कम 56 सप्ताह तक बनी रहती है। इससे एचआईवी से बचाव हो सकता है। इस इंजेक्शन का असर महिलाओं में एचआईवी की रोकथाम में 100% पाया गया है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, लेनाकैपाविर (Yeztugo) = PrEP दवा है, जो HIV वायरस शरीर में आने से रोकती है। लेकिन अगर वायरस शरीर में आ चुका है तो यह उससे लड़ नहीं सकता है। लेनाकैपाविर एक कैप्सिड इनहिबिटर है। जो HIV वायरस के capsid को कमजोर करके वायरस के शरीर में फैलने की प्रक्रिया को रोकता है।
कौन लगवा सकता है लेनाकापाविर?
जिन लोगों को एचआईवी होने का खतरा है उन्हें ये इंजेक्शन एचआईवी निगेटिव आने पर लग सकता है। ये इंजेक्शन HIV वायरस की रोकथाम में असरदार साबित हो सकता है। इंजेक्शन लगवाने वाले का वजन 35 किलो से अधिक होना चाहिए। जो व्यक्ति इंजेक्शन ले रहा है उसमें एचआईवी का कोई लक्षण नहीं होगा चाहिए और रिपोर्ट नेगेटिव होनी चाहिए। हर 6 महीने में ये इंजेक्शन दिया जाता है और हर बार इंजेक्शन लेने से पहले HIV निगेटिव टेस्ट आना जरूरी है। तभीअगली डोज दी जाती है। इस इंजेक्शन पर हुए तीनों ट्रायल सफल साबित हुए हैं और अब इसे एफडीए ने मंजूरी दे दी है।
