नई दिल्ली:– थायराइड की समस्या आजकल एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है, जिससे हमारे देश की एक बड़ी आबादी प्रभावित है। थायराइड गर्दन में एक छोटी तितली जैसी ग्रंथि होती है, जो थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन करती है। यह हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा और शारीरिक तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब यह ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाती तो इस स्थिति को हाइपोथायरायडिज्म कहते हैं और जब हार्मोन का उत्पादन बहुत ज्यादा होता है इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं।
हमारे देश में ज्यादातर लोगों को हाइपोथायरायडिज्म की समस्या रहती है इसलिए आज हम विशेष रूप से हाइपोथायरायडिज्म की बात करेंगे। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे वजन बढ़ना, थकान और सुस्ती जैसी परेशानियां होती हैं। थायरॉइड के रोगियों के लिए दवाओं के साथ-साथ अपने आहार पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं जो थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन में बाधा डालते हैं या आपकी दवाओं के अवशोषण को कम करते हैं, जिससे आपकी परेशानी और इलाज अप्रभावी हो सकता है। अगर कोई हाइपोथायरायडिज्म से परेशान है, तो उसे कुछ चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए। आइए इस लेख में इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
गोइट्रोजेन युक्त क्रूसिफेरस सब्जियां
गोइट्रोजेन ऐसे कंपाउंड होते हैं जो थायरॉइड ग्रंथि द्वारा आयोडीन के उपयोग में बाधा डालते हैं, जिससे हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है। हाइपोथायरायडिज्म में यह स्थिति और बिगड़ जाती है। इसलिए ऐसे मरीजों को पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, केल और मूली जैसी क्रूसिफेरस सब्जियों के सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए और अच्छे से पकाकर ही करना चाहिए। ध्यान रखें अच्छी तरह से पकाकर ही खाएं क्योंकि पकाने से गोइट्रोजेन यौगिकों का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।
