छत्तीसगढ़ :– हाई कोर्ट से वैवाहिक विवाद के एक मामले में बड़ा फैसला सामने आया है, जिसमें अदालत ने स्पष्ट कहा कि पत्नी पर क्रूरता के आरोप सबूतों के अभाव में सिद्ध नहीं होते और जिस घटना को पति ने स्वयं माफ कर दिया हो, वह तलाक का आधार नहीं बन सकती। जांजगीर निवासी पति ने पत्नी पर तीन सिम कार्ड रखने, गाली-गलौज व धमकी देने जैसे आरोप लगाते हुए तलाक की मांग की थी, जिसे परिवार न्यायालय पहले ही खारिज कर चुका था।
हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने भी फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए पति की अपील को खारिज कर दिया। वहीं पत्नी ने सभी आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि पति अलग रहने के लिए बेबुनियाद कहानियाँ गढ़ रहा था। अदालत ने पाया कि पति अपने आरोपों को प्रमाणित नहीं कर सका, इसलिए तलाक का आधार भी नहीं बन पाया।
