नई दिल्ली: वृंदावन के संत श्री प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं, मन ही सबसे बड़ा शत्रु है और मन ही सबसे बड़ा मित्र है। जिसने मन को जीत लिया, उसने संसार जीत लिया। भागदौड़ भरी जिंदगी में चिंता, गुस्सा, लालच और नकारात्मक विचार हमें हर पल घेरे रहते हैं। प्रेमानंद जी महाराज इन सबका एकमात्र इलाज बताते हैं – मन को भगवान के चरणों में लगा दो।
सबसे पहले मन की सच्चाई समझें
प्रेमानंद जी कहते हैं, मन बंदर है, नशे में है। कभी इधर, कभी उधर भागता रहता है। जब तक हम यह नहीं स्वीकार करेंगे कि हमारा मन हमसे ज्यादा ताकतवर हो गया है, तब तक कोई उपाय काम नहीं करेगा। पहला कदम है – रोज 5 मिनट बैठकर देखें कि मन किस-किस बात में उलझा रहता है। बिना जजमेंट के सिर्फ देखें। यही साक्षी भाव है। महाराज जी कहते हैं, जिस दिन आप मन को देखने वाले बन जाएंगे, उस दिन मन आपका गुलाम बन जाएगा।
नाम जप – मन कंट्रोल करने का सबसे आसान और चमत्कारी तरीका
महाराज जी का सबसे बड़ा उपाय है – राधा नाम का जप। वे कहते हैं कि जितना राधा-राधा बोलेंगे, उतना मन शांत होता जाएगा। नाम जप की विधि बहुत सरल है। सुबह उठते ही 10 मिनट श्री राधे-राधे या राधा-राधा बोलें। दिन में जब भी मन बेकाबू हो – गुस्सा आए, चिंता आए – तुरंत 11 बार राधे-राधे बोलें। रात को सोते समय तकिए के नीचे राधा नाम की माला रखकर सोएं। महाराज जी कहते हैं कि नाम जप करने से मन इतना शांत हो जाएगा कि आपको खुद हैरानी होगी।
स्वीकार करें और छोड़ दें का जादू
प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं, मन को दबाइए मत, बहलाइए मत – बस स्वीकार करिए और भगवान को सौंप दीजिए। किसी ने गुस्सा दिलाया, तो मन में बोलिए राधे, ये आपका है, आप संभालिए। पैसों की चिंता सता रही हो, तो मन में बोलिए राधे, सब आपके हाथ में है। पुरानी बातें याद आईं जिससे तकलीफ बढ़ रही हो, तो मन में बोलिए राधे, ये भी आपकी लीला है।यह सरेंडर करने की प्रक्रिया मन को तुरंत हल्का कर देती है। महाराज जी कहते हैं, ‘जो भगवान को सौंप देता है, उसका मन अपने आप कंट्रोल में आ जाता है।’
मन कंट्रोल करने के फायदे:
नींद अपने आप गहरी और शांत हो जाती है।
गुस्सा काफी हद तक कम हो जाता है।
निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
रिश्तों में मिठास आती है।
धन, स्वास्थ्य और सम्मान अपने आप बढ़ने लगता है।
सबसे बड़ा फायदा – भगवान का सान्निध्य हर पल महसूस होता है।
खुद ही शांत हो जाएगा मन
मन को कंट्रोल करने की कोशिश मत करिए, मन को राधा-कृष्ण को कंट्रोल करने दीजिए। जितना नाम जप करेंगे, उतना मन खुद-ब-खुद शांत और आज्ञाकारी बन जाएगा।
