कोरबा:– प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के निर्देशानुसार “विश्व मानवाधिकार” दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के निर्देशन में मुख्यमंत्री बाल भविष्य सुरक्षा योजना अंतर्गत संचालित शासकीय आवासीय “प्रयास” विद्यालय, में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता कुमुदिनी गर्ग, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अपने प्रेरक उद्बोधन में बताया वर्ष 2025 की थीम लोगों को यह समझानें पर केंद्रित है कि मानव अधिकार सिर्फ अदालतों कागजों या बड़े मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारी जिंदगी का हिस्सा भी है, थीम का मकसद यह दिखाना है कि मानव अधिकार कोई विशेषाधिकार नहीं बल्कि रोजमर्रा की खुशी और सुरक्षा की बुनियाद है, जो जीवन का वह अधिकार है, जो हर व्यक्ति को जीवित रहने और सुरक्षा देने का अधिकार देता है। प्रावधान के अनुसार सभी लोग कानून के सामने समान और भेदभाव से मुक्त रहने का अधिकार रखते हैं।सभी को अपनी राय रखने उसे व्यक्त करने का बराबर अधिकार देता है।
उद्धबोधन की कड़ी में विभिन्न प्लेटफार्मों से जुड़े साइबर अपराधों की सतर्कता को बताते हुए यातायात नियमों एवं उनके पालन, पारको एक्ट के बारे में एवं उम्र से पहले हार्मोनल विसंगतियों से विपरीत यौन के प्रति आकर्षण एवं उनसे होने वाले दुष्प्रभावों व गुमशुदी रिपोर्ट उपरांत न्यायालय में हुए खुलासों एवं लैंगिक अपराधों से पीड़ित लोगों से मिली जानकारी की व्याख्या कानूनी व्यवस्थाओं नए पुराने कानून की जानकारी एवं अपराध एवं साक्ष्य के बारे में जागरूक किया गया।

सचिव कु० डिम्पल ने बताया कि हर वर्ष 10 दिसंबर को विश्व में मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है जो मानवाधिकारों की सुरक्षा समानता न्याय और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के सिद्धांत, प्रावधानों में निहित है जो न्यायालय द्वारा लागू किए जाते हैं जो मानव अधिकार संरक्षण का शक्तिशाली साधन बनते हैं। मानवाधिकार दिवस 2025 की थीम "दैनिक आवश्यकताएं" वैश्विक प्रतिबद्धता को दोहराता है इस दिन शैक्षणिक संस्थान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं ताकि मौलिक अधिकारों तथा उनसे जुड़ी जिम्मेदारियों के प्रति लोगों की समझ को और गहरा किया जा सके। यह अधिकार सिर्फ कागजों में नहीं बल्कि हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा भी है। इन अधिकारों की सुरक्षा सिर्फ कानून से नहीं बल्कि हमारे अच्छे इतिहास के प्रभावशाली दस्तावेजों में से एक है जिसका हर व्यक्ति हकदार है।
उपरोक्त कार्यक्रम में ड्रॉईंग/पेटिंग प्रतियोगिता कार्यकम का भी आयोजन किया गया जिसने विद्यार्थियों ने उत्सुकता से भाग लिया।
इस अवसर पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्रीकांत कसेर ने कहा कि इस जागरूकता अभियान के दौरान विद्यार्थियों को वर्तमान एवं भविष्य में होने वाले चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। पैरालीगल वॉलेटियर रमाकांत दुबे ने उद्देश्य पर प्रकाश डाला ।

इस अवसर पर पैरालीगल वॉलेटियर गोपाल चन्द्रा, सतीश यादव एवं छात्र/छात्राएं तथा प्रशासकीय अधिकारी, शिक्षक/शिक्षकों सहित कर्मचारी उपस्थित रहें।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन की ओर से गौरव शर्मा प्राचार्य ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रति आभार प्रर्दशन, शैक्षणिक सफरनामा का परिचय देते हुए विद्यार्थियों के वार्षिक उत्कृष्ट प्रर्दशन एवं शैक्षणिक अर्जित उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के प्रेरक उद्बोधनों और कार्यक्रमों से छात्रों को सशक्त, जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनाने की प्रेरणा मिलती है।

