नई दिल्ली:– भारतीय संसद का ऊपरी सदन साल 2026 में एक बड़े बदलाव का गवाह बनेगा। अप्रैल से नवंबर के बीच 73 सीटों के लिए होने वाले चुनाव न केवल कई दिग्गज नेताओं की विदाई करेंगे, बल्कि एनडीए की ताकत में भी इजाफा करेंगे। मल्लिकार्जुन खरगे और शरद पवार जैसे दिग्गजों का कार्यकाल खत्म होना विपक्ष के लिए बड़ी चुनौती होगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2026 के आखिर तक राज्यसभा की कुल 73 सीटें खाली होंगी, जिन पर तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। सीटों के खाली होने का सिलसिला अप्रैल 2026 में शुरू होगा जब 10 राज्यों की 37 सीटें रिक्त होंगी। इसके बाद जून में 10 राज्यों की 25 सीटें और नवंबर में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की 11 सीटों पर मतदान होगा। इस चुनावी चक्र में बिहार की 5 और उत्तर प्रदेश की 10 महत्वपूर्ण सीटें शामिल हैं।
दिग्गज चेहरों की विदाई और समीकरण
रिटायर होने वाले नेताओं की सूची में देश के कई कद्दावर नाम शामिल हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, शरद पवार, दिग्विजय सिंह, एचडी देवगौड़ा और शिबू सोरेन जैसे नेताओं का कार्यकाल 2026 में समाप्त हो जाएगा। इनके अलावा हरदीप सिंह पुरी, कनिमोझी, और अभिषेक मनु सिंघवी जैसे नेता भी इस सूची में हैं। राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य और पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई का कार्यकाल भी मार्च 2026 में पूरा हो रहा है।
राजनीतिक आकलन बताते हैं कि इस बार एनडीए को 73 में से करीब 48 सीटें मिल सकती हैं। उत्तर प्रदेश की 10 सीटों में से बीजेपी को 7 और सपा को 2 सीटें मिलने की संभावना है। बिहार में विधानसभा के बदले समीकरणों के कारण 5 में से 4 सीटें एनडीए के खाते में जा सकती हैं, जिससे उपेन्द्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की पार्टियों का दबाव बढ़ रहा है। महाराष्ट्र में महायुति को 6 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि कर्नाटक में कांग्रेस मजबूत दिख रही है, जहाँ उसे 4 में से 3 सीटें मिल सकती हैं।
