छत्तीसगढ़ :– राजनीति में संतों और सनातन को लेकर बयानबाज़ी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से पं. धीरेंद्र शास्त्री पर की गई टिप्पणी पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पलटवार किया है।
रायपुर से दुर्ग रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में सीएम साय ने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों और संत परंपरा का देश है, और पं. धीरेंद्र शास्त्री को किसी राजनीतिक दल का एजेंट बताना सीधे-सीधे सनातन परंपरा का अपमान है। इसका निर्णय जनता करेगी।
सीएम साय ने स्पष्ट किया कि संत-महात्मा समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं और उनके खिलाफ इस तरह की राजनीतिक टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आस्था और आध्यात्म को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए।
बता दें, बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भिलाई में 5 दिवसीय हनुमंत कथा के लिए छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं। उनके प्रदेश आगमन होते ही धर्मांतरण और धर्म को लेकर सियासी बयान बाजी तेज हो गई।
पूर्व सीएम के बयान पर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का पलटवार
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कथावाचकों पर अंधविश्वास फैलाने के आरोप लगाते हुए पाखंडी बताया था, जिसके बाद पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उनके बयान का पलटवार करते हुए कहा था कि अगर हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बताया बीजेपी का एजेंट
वहीं देश छोड़ देने वाले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान पर पूर्व सीएम बघेल ने शुक्रवार को तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि “धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री छत्तीसगढ़ में धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं और व्यवहार में बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।”
वह कल का बच्चा है और हमें सनातन धर्म सिखाने चला है – बघेल
उन्होंने आगे कहा- “जब धीरेंद्र शास्त्री पैदा भी नहीं हुए थे, तब से मैं हनुमान चालीसा पढ़ रहा हूं। वह कल का बच्चा है और हमें सनातन धर्म सिखाने चला है। ”
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को भूपेश बघेल ने पं. धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाया था कि वे पैसे बटोरने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ आते हैं और उन्हें बीजेपी का एजेंट बताया था। इसी बयान पर मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया दी।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा का बयान
मामले में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने भी भूपेश बघेल के आरोपों को खारिज किया। विजय शर्मा ने कहा कि बाबा बागेश्वर समाज को जोड़ने का काम कर रहे हैं, इसमें किसी को आपत्ति क्यों होनी चाहिए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भूपेश बघेल के कार्यक्रमों में भीड़ नहीं जुटती, जबकि महाराज को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
