: महिला हो या पुरुष इनफर्टिलिटी की समस्या आजकल एक गंभीर समस्या बनी हुई है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि इसकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. सबसे हैरानी की बात यह है कि कम उम्र की महिलाओं और पुरुषों को इनफर्टिलिटी की समस्या से गुजरना पड़ रहा है. आज महिलाओं के बारे में बात करेंगे आखिर किन कारणों से महिलाओं में इतनी भारी मात्रा में इनफर्टिलिटी की समस्या गंभीर रूप से बढ़ रही है.
खराब खानपान और लाइफस्टाइल इनफर्टिलिटी की बीमारी को बढ़ाती है. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कई बीमारियों के कारण भी इसका खतरा बढ़ता है.PCOS: आजकल की यंग जेनरेशन कॉलेज और स्कूल गोइंग लड़कियां पीसीओएस की समस्या से जूझ रही हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पोलीसिस्टिक ओवरीज एक हार्मोनल कंडिशन है. इसके कारण आजकल की ज्यादातर लड़कियां और महिलाएं प्रभावित है. इस बीमारी में ओवरीज में गांठें बनने लगती है.
वहीं पुरुषों में अगर यह बीमारी ज्य़ादा हो जाए तो उनमें एंड्रोजन हार्मोनल बढ़ने लगता है. इसके कारण पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग, फेशियल हेयर्स और चेहरे पर एक्ने जैसी गंभीर समस्या पैदा होती है. हार्मोनल इनबैलेंस के कारण पीसीओस वाली महिलाओं को कंसीव करने में काफी ज्यादा दिक्कत होती है.
एंडोमेट्रियोसिसइसमें यूटरस के आउटर लेयर पर एंडोमेट्रियल टिश्यू बनने लगते हैं. जिसके कारण पीरियड्स में काफी ज्यादा दर्द और स्कार टिश्यू की समस्या होने लगती है. एंडोमेट्रियोसिस के कारण यूटेरस, फैलोपियन ट्यूब्स और ओवरीज से जुड़ी परेशानी होने लगती है. इसके कारण कंसीव में दिक्कत हो सकती है. थायरॉइडथायरॉइड डिसऑर्डर के कारण ओव्यूलेशन में दिक्कत हो सकती है. इसके कारण अंडे के फर्टिलाइज होने में संभावना हो सकती है.
थायरॉइड डिसऑर्डर में थॉयराइड हार्मोन ज्यादा या कम हो सकते हैं. जिसके कारण हार्मोनल इनबैलेंस की दिक्कत हो सकती है. इसके कारण वजन कम या ज्यादा हो सकता है. यह कंसीव करने में भी दिक्कत हो सकती है. इन सभी बीमारियों के अलावा भी कई दूसरी तरह की बीमारी है जिसके कारण महिलाओं को कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है. जैसे- पॉलिप्स, फाइब्रॉइड्स या जेनेटेकि प्रॉब्लम के कारण भी कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है. इन बीमारियों का वक्त रहते इलाज बेहद जरूरी है.