दंतेवाड़ा:- केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं. अमित शाह ने दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी के दर्शन किए और बस्तर पंडुम कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि ”आज चैत्र नवरात्रि की अष्टमी है. मैं मां दंतेश्वरी का आशीर्वाद लेकर आया हूं कि अगली चैत्र नवरात्रि में बस्तर से लाल आतंक समाप्त हो जाए और बस्तर खुशहाल हो जाए.”
अमित शाह ने नक्सलियों से मुख्यधारा में जुड़ने की अपील की. शाह ने कहा कि ”सभी नक्सली भाइयों को विनती करने आया हूं, आप हथियार डाल दीजिए, मुख्यधारा में आइये, इस क्षेत्र को विकास चाहिए.”
अमित शाह ने यह भी कहा “नक्सली भाइयों से विनती है कि आप हथियार डाल दीजिए. मेन स्ट्रीम में आइए. कोई भी नक्सली मारा जाता है तो किसी को आनंद नहीं आता है लेकिन इस क्षेत्र को विकास चाहिए.
शाह ने नक्सलियों से कहा ”हथियार डाल दो. आपका पूरा संरक्षण भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार करेगी. हथियार डालकर शरण में आइये, विकास की प्रक्रिया में शामिल हो जाइये. कोई भी काम किए हो, हथियार डाल दो, सरकार संरक्षण करेगी.”
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा “नक्सली हथियार लेकर आदिवासी भाई बहनों का विकास नहीं रोक सकते. इसके लिए पूरे मन से अपील है. विकास के लिए हाथ में बंदूक की जरूरत नहीं है कंप्यूटर चाहिए.”
अमित शाह ने मंच से कहा कि “साल 2025 में अब तक 521 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. साल 2024 में 881 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. जो सरेंडर करेंगे वो मेन स्ट्रीम में आएंगे और जो हथियार लेकर आएंगे उनके स सुरक्षा कर्मी निपटेंगें.
अमित शाह ने मंच से कहा कि “साल 2025 में अब तक 521 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं. साल 2024 में 881 नक्सलियों ने सरेंडर किया था. जो सरेंडर करेंगे वो मेन स्ट्रीम में आएंगे और जो हथियार लेकर आएंगे उनके साथ सुरक्षा कर्मी निपटेंगें.”
अमित शाह ने आखिर में कहा कि अब सुकमा से सब इंस्पेक्टर बनना है, बस्तर से बेरिस्टर बनना, कांकेर से कलेक्टर बने यहीं विकास है. किसी से डरने की जरूरत नहीं. पूरी सुरक्षा भाजपा की डबल इंजन की सरकार करेगी. छत्तीसगढ़ सरकार हर गांव को नक्सलमुक्त बनाने का अभियान छेड़ें.
अमित शाह ने बस्तर पंडुम के आयोजन के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की. शाह ने कहा कि इस साल बस्तर पंडुम छत्तीसगढ़ के एक उत्सव के रूप में मनाया गया है. इस बार सात श्रेणी में बस्तर पंडुम मनाया. अगली बार 12 श्रेणी में मनाएंगे, जिसमें देश भर के आदिवासी कलाकार आएंगे. बस्तर पंडुम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जाएगा ताकि आदिवासी बच्चों की कला को पूरे विश्व में प्रदर्शित किया जा सके