नई दिल्ली:– देश के प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। उन्होंने घोषणा की है कि महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू न होने पर वे 30 जनवरी 2026 से रालेगण सिद्धि में आमरण अनशन शुरू करेंगे।
अन्ना ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र भेजकर साफ कहा— “अगर कानून लागू नहीं हुआ तो मैं प्राण त्यागने को तैयार हूं, लेकिन पीछे नहीं हटूंगा।”
क्यों नाराज़ हैं अन्ना?
मुख्य कारण है—लोकायुक्त कानून के लागू होने में हो रही लगातार देरी।
यह कानून विधानसभा (2022), विधान परिषद (2023) और राज्यपाल (2024) सभी जगह से पास हो चुका है। इसके बावजूद इसे अब तक अमल में नहीं लाया गया है। अन्ना का आरोप है कि राज्य सरकार और केंद्र—दोनों ही इस कानून को लागू करने में गंभीरता नहीं दिखा रहे।
रालेगण सिद्धि बनेगा आंदोलन का केंद्र
अन्ना ने स्पष्ट किया है कि वे अपने गांव रालेगण सिद्धि में ही आमरण अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने लिखा कि देशहित में संघर्ष करते हुए प्राण त्यागना उन्हें स्वीकार है। अन्ना लंबे समय से महाराष्ट्र में एक मजबूत और प्रभावी लोकायुक्त प्रणाली लागू करने की मांग करते आ रहे हैं।
राष्ट्रपति की मंजूरी भी अटकी, प्रक्रिया ठप
अन्ना के अनुसार, राज्य सरकार विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज चुकी है, लेकिन एक साल से ज्यादा समय बीत चुका, फिर भी कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। उन्होंने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए कहा कि अगर सरकारों की नीयत साफ होती, तो यह कानून कब का लागू हो चुका होता।
“यह लड़ाई मेरे लिए नहीं, जनता के लिए”
अपनी चिट्ठी में अन्ना ने कहा कि यह उनका निजी मुद्दा नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता की लड़ाई है। उन्होंने दोहराया कि जब तक महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू नहीं होता, तब तक वे अनशन वापस नहीं लेंगे।
