वाशिंगटन: नासा प्रमुख बिल नेल्सन सोमवार, 27 नवंबर को भारत आएंगे। भारत के चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद आ रहे नेल्सन यहां कई अहम बैठकों में हिस्सा लेंगे। नेल्सन नवाचार और अनुसंधान से संबंधित क्षेत्रों, खासतौर से मानव अन्वेषण और पृथ्वी विज्ञान में द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने के लिए दोनों देशों के अंतरिक्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। इस दौरान नासा और इसरो के मिशन निसार के बारे में भी वह जानकारी लेंगे और इसकी प्रगति के बारे में भी वैज्ञानिकों से जानेंगे।
नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बिल नेल्सन की भारत यात्रा दोनों देशों में उभरती प्रौद्योगिकी पर एक प्रतिबद्धता को पूरा करती है। नेल्सन अपने दौरे में भारत में कई स्थानों का दौरा करेंगे, जिसमें बेंगलुरू में निसार सैटेलाइट मिशन को भी वो देखेंगे। ये नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के बीच एक संयुक्त मिशन है। निसार पर दोनों एजेंसियों की तरफ से काम लगभग पूरा हो चुका है।
2024 में इसको लॉन्च किया जाना है। इसमें इस समय लॉन्चिंग से पहले होने वाली टेस्टिंग और इंटिग्रेशन का काम हो रहा है। ऐसे में नेल्सन भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से निसार मिशन से जुड़ी जानकारियां साझा करेंगे। निसार नासा इसरो सिंथेटिक एपर्चर रडार का संक्षिप्त रूप है।
किस काम आएगी निसार सैटेलाइट?
नासा और इसरो के बीच पहले उपग्रह मिशन के रूप में निसार एक क्रांतिकारी पृथ्वी-अवलोकन उपकरण है। यानी इससे धरती पर नजर रखने का काम किया जाएगा और ये जलवायु पर जानकारी देगा। पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र, गतिशील सतहों और बर्फ के द्रव्यमान को मापकर बायोमास, प्राकृतिक खतरों, समुद्र के स्तर के बारे में जानकारी देगा। ये भूजल, जलवायु परिवर्तन, जोखिम शमन, कृषि से जुड़े मामलों में भी वैज्ञानिकों का अहम मार्गदर्शन करेगा।