रायपुर :· मंत्रालय में महीनों से लंबित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम अब आखिरकार 1 दिसंबर से औपचारिक रूप से शुरू किया जा रहा है। अधिकारियों के बीच इस व्यवस्था को लेकर अनिच्छा थी, लेकिन मुख्य सचिव के निर्देशों ने स्थिति बदल दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नए साल की शुरुआत में ही अफसरों की देरी से आने की आदत पर नाराज़गी जताई थी और बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू करने को कहा था, मगर इसे शुरू होने में लगभग 11 महीने लग गए।
मुख्य सचिव ने तय की डेडलाइन, विभागों में मची हलचल
मुख्य सचिव विकास शील के पदभार संभालते ही बायोमेट्रिक व्यवस्था को लेकर गंभीरता बढ़ गई। कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में उन्होंने साफ कहा कि एक महीने के भीतर मंत्रालय में यह सिस्टम लागू होना चाहिए। इसके बाद विभागों में तेजी से तैयारी शुरू हुई और 1 दिसंबर की डेडलाइन को अंतिम रूप दिया गया।
GAD ने छुट्टी के दिन भी जारी किया आदेश
सामान्य प्रशासन विभाग ने रविवार को भी आदेश जारी कर मंत्रालय के सभी अफसरों को सूचित किया कि कल से बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य होगी। महानदी भवन के गेट पर मशीनें लगा दी गई हैं और मोबाइल ऐप के जरिए भी उपस्थिति दर्ज करने का विकल्प रहेगा।
आने और जाने — दोनों समय हाजिरी लगाना अनिवार्य होगा और अनुपालन न करने वाले अधिकारियों को अनुपस्थित माना जाएगा। यह नियम अवर सचिव से लेकर सचिव तथा मुख्य सचिव तक सभी पर समान रूप से लागू होगा।
टाइमिंग कल्चर में बड़े बदलाव की तैयारी
अब तक मंत्रालय में समयपालन को लेकर ढीलापन रहा है। यदि सुबह कोई महत्वपूर्ण बैठक न हो, तो अधिकांश अधिकारी 11.30 से 12 बजे के बीच कार्यालय पहुंचते थे। शाम को भी उपस्थिति न के बराबर नजर आती थी और 3 बजे के बाद मंत्रालय लगभग खाली रहने लगता था।
हालांकि पिछले कुछ दिनों में स्थिति सुधरी है और अधिकांश अधिकारी सुबह 10 बजे तक पहुंचने लगे हैं। बायोमेट्रिक सिस्टम लागू होने के बाद अब समय पर उपस्थित रहना सभी के लिए अनिवार्य होगा।
दिल्ली से लौटे अधिकारियों के लिए नहीं होगी परेशानी
दिल्ली से डेपुटेशन पर लौटे अधिकारी पहले से ही बायोमेट्रिक व्यवस्था के आदी हैं, क्योंकि वहां 9 बजे तक उपस्थिति अनिवार्य रहती है। इस कारण नई व्यवस्था उन्हें ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी, जबकि स्थानीय अधिकारियों को अपनी दिनचर्या में बड़ा बदलाव लाना पड़ेगा।
