नई दिल्ली: आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रेल मंत्रालय की छह परियोजनाओं को मंजूरी दी है जिनकी अनुमानित लागत लगभग 12,343 करोड़ रुपये है। सरकार ने गुरुवार को एक बयान में यह जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन रेल परियोजनाओं की मंजूरी से बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा और व्यस्त मार्गों पर भीड़ कम होगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से वाणिज्य के साथ-साथ कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा।
इनसे राजस्थान, असम, तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश और नगालैंड को फायदा होगा।रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘राजस्थान, असम, तेलंगाना, गुजरात, आंध्र प्रदेश और नगालैंड में 12,343 करोड़ रुपये की छह ‘मल्टी ट्रैक’ परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद।’ बयान में कहा गया है कि इन परियोजनाओं से परिचालन में आसानी होगी और भीड़भाड़ कम होगी। साथ ही भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों पर आवश्यक ढांचागत विकास होगा। सरकार के अनुसार, छह राज्यों के 18 जिलों को कवर करती इन परियोजनाएं से भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क 1,020 किलोमीटर तक बढ़ेगा। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री के ‘नए भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाएंगी और इससे उनके रोजगार/स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी
मत्स्य योजनासाथ ही सरकार ने असंगठित मत्स्य पालन क्षेत्र को औपचारिक रूप देने, सूक्ष्म और लघु उद्यमों को संस्थागत वित्त की सुविधा देने और जलकृषि बीमा को बढ़ावा देने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने 7,522.48 करोड़ रुपये के पहले से स्वीकृत कोष और 939.48 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन से ‘मत्स्य पालन अवसंरचना विकास कोष’ (एफआईडीएफ) को अगले तीन वर्षों के लिए वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने का भी निर्णय लिया। इससे मछुआरों, मछली किसानों, मछली श्रमिकों, सूक्ष्म और लघु उद्यमों और मछली किसान उत्पादक संगठनों सहित अन्य के लिए होगी
इसका लक्ष्य सूक्ष्म और लघु उद्यमों (एमएसएमई) मूल्य श्रृंखला में 5.4 लाख निरंतर रोजगार के अवसर पैदा करना भी है।वीलचेयर पर थी भारत की इकॉनमी, जब मनमोहन ने वित्त मंत्री बनकर उसे फास्ट ट्रैक पर दौड़ा दियास्पेक्ट्रम नीलामीमंत्रिमंडल ने साथ ही 96,317.65 करोड़ रुपये के आधार मूल्य पर मोबाइल फोन सेवाओं के लिए आठ स्पेक्ट्रम बैंड में नीलामी को मंजूरी दे दी। दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही कुछ दूरसंचार कंपनियों के पास मौजूद स्पेक्ट्रम को भी इस नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाएगा। इन स्पेक्ट्रम की अवधि इसी साल खत्म हो रही है। 800, 900, 1800, 2100, 2300, 2500, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में उपलब्ध सभी स्पेक्ट्रम नीलामी में रखे जाएंगे।