नई दिल्ली:– आने वाले महीनों में मोबाइल फोन पर कॉल आने से पहले कॉल करने वाले व्यक्ति का वास्तविक नाम दिखाई देगा। हरियाणा में कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (सीएनएपी) के ट्रायल सफल रहने के बाद अब इसे पूरे देश में लागू करने की तैयारी है। इस सुविधा के शुरू होने से स्पैम कॉल, फर्जी बैंक कॉल और केवाईसी अपडेट के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी पर प्रभावी रोक लगाई जा सकेगी।
सूत्रों के अनुसार, यह सुविधा चरणबद्ध तरीके से पहले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता सहित बड़े महानगरों से जुड़े चुनिंदा सर्किल में शुरू की जाएगी। इसके बाद इसे देश के अन्य सर्किल में लागू किया जाएगा। अनुमान है कि अगले 3-4 महीनों में यह सेवा पूरे देश में उपलब्ध हो जाएगी।
सीएनएपी तकनीक के तहत, मोबाइल फोन पर कॉल करने वाले का नाम और सिम रजिस्टर्ड विवरण स्क्रीन पर दिखेगा। कॉल लगते समय टेलीकॉम ऑपरेटर अपने ग्राहक डेटाबेस से यह जानकारी लेकर उस व्यक्ति के फोन पर प्रदर्शित करेगा जिसे कॉल रिसीव हो रही है। यह प्रणाली ट्रूकॉलर की तरह काम करेगी, लेकिन डाटा की सत्यता सरकारी तौर पर सुनिश्चित होगी।
अभी तक अनजान नंबर सिर्फ नंबर के रूप में दिखाई देते थे, जिससे कॉल की पहचान करना मुश्किल होता था। सीएनएपी लागू होने के बाद कॉल किस नाम से रजिस्टर्ड है, यह साफ दिखाई देगा और इससे धोखाधड़ी में कमी आएगी।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने पिछले वर्ष सरकार को सीएनएपी लागू करने की सिफारिश की थी। इसके बाद दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल के साथ मिलकर हरियाणा में ट्रायल किया, जो सफल रहा और उपयोगकर्ताओं ने भी इसे उपयोगी बताया।
उपभोक्ताओं को लाभ
-अनजान कॉल की पहचान में आसानी
-बैंकिंग व साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम
-टेलीमार्केटिंग कॉल पर नियंत्रण
कॉलिंग में सुरक्षा और पारदर्शिता बढ़ेगी
-निजी ऐप का एकाधिकार खत्म होगा
निजी कंपनियों का एकाधिकार खत्म होगा
वर्तमान में निजी ऐप कॉलर नाम प्रदर्शित करने की सुविधा देते हैं, लेकिन उनकी सटीकता कम होती है और कई बार विज्ञापन भी दिखाए जाते हैं। कुछ सेवाएं शुल्क लेकर उपलब्ध हैं। सरकार की यह सुविधा पूरी तरह निशुल्क और बिना किसी विज्ञापन के उपलब्ध कराई जाएगी। इससे इस क्षेत्र में निजी कंपनियों का एकाधिकार कम होगा।
