भोपाल:– त्योहारों का मौसम चल रहा है और दिवाली आने ही वाली है. ऐसे में बाजारों में रौनक है और दफ्तरों में उम्मीद. हर साल की तरह इस बार भी कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस देकर त्योहार की मिठास बढ़ा रही हैं. लेकिन इस मिठास में एक सवाल हर सैलरीड प्रोफेशनल के मन में जरूर आता है
क्या इस दिवाली बोनस पर टैक्स देना होगा? या यह बोनस टैक्स-फ्री है? अगर आपके मन में भी यही सवाल है, तो आइए इसे नियमों के अनुसार समझते हैं, ताकि दिवाली के गिफ्ट के साथ आपको इनकम टैक्स का सरप्राइज न मिले.
बोनस है टैक्सेबल, लेकिन एक लिमिट तक छूट
इनकम टैक्स एक्ट के तहत, कंपनी की तरफ से दिया गया दिवाली बोनस “सैलरी का हिस्सा” माना जाता है. यानी यह पूरी तरह से आपकी आय में जुड़ता है और उसी के अनुसार टैक्स भी लगता है.
हालांकि यहां एक छोटी सी राहत है, अगर दिवाली बोनस की राशि ₹5,000 या उससे कम है, तो इस पर टैक्स नहीं लगता. लेकिन अगर बोनस की रकम ₹5,000 से ज़्यादा है, तो उसे आपकी टैक्सेबल इनकम में शामिल किया जाएगा और आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से उस पर टैक्स लगेगा.
इनकम टैक्स फाइल करते समय रखें ध्यान
अगर आपने बोनस कैश में लिया है, तो उसे ITR फाइलिंग के समय जरूर घोषित करें. इसे छिपाने की गलती भारी पड़ सकती है.
टैक्स एक्सपर्ट्स की सलाह: अगर ₹5,000 से ज्यादा का बोनस घोषित नहीं किया गया, तो इनकम टैक्स विभाग नोटिस भेज सकता है. क्योंकि कंपनियां यह डेटा फॉर्म-16 और TDS के माध्यम से सरकार को भेजती हैं.
बोनस जैसे दिवाली बोनस:
हमेशा टैक्सेबल होता है ₹5,000 तक की सीमा पर छूट के साथ.
कंपनी की सैलरी स्ट्रक्चर में शामिल किया जाता है.
गिफ्ट इन-काइंड:
अगर गिफ्ट की वैल्यू ₹5,000 से कम है, तो यह टैक्स-फ्री है.
ज्यादा वैल्यू होने पर टैक्स लग सकता है.
