छत्तीसगढ़:–छपरा से महापर्व में सम्मिलित होने आए डॉ ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने अपनी जुबानी में बताया बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक में दिखा छत्तीसगढ़ महतारी के आंचल तले, संस्कृति और एकता का संदेश–घाटों पर झलकी आस्था,की चमक छठ मैया के गीत आराधना में श्रद्धा और संस्कृत का चढ़ा रंग।


कोरबा / संजय श्रीवास्तव एडवोकेट जिला न्यायालय रांची कोडरमा से महापर्व पर परिवार सहित छत्तीसगढ़ महतारी की धरती पर पहुंचे उन्होंने मीडिया से चर्चा में बताया *"छठ केवल पूजा नहीं--यह लोग और जीवन के बीच की वह डोर है जो विविधता में एकता का प्रकाश फैलती है"* लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा ने कोरबा जिले को भक्ति, श्रद्धा और एकता की अनोखी डोर में पिरो दिया । इस अवसर पर *"विभिन्न प्रांतों से आए भिन्न-भिन्न समुदायों, भाषाओं और परंपराओं से जुड़े लोग"* एक ही भाव में सूर्य देव की आराधना में लिंग नजर आए कोरबा के बाल को नगर के मुख्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उम्र पड़ी आस्था चल गामी सूर्य को अर्घ एवं उदयाचल सूर्य को अर्घ्य देने का दृश्य मनमोहन रहा महिलाओं ने पारंपरिक गीतों से वातावरण को भक्ति में बना दिया।

संस्कृतियों के साथ घाटों पर पहुंचे लोगों ने स्थानीय प्रशासन एवं सामाजिक संस्थाओं ने प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा की जिम्मेदारी सवाली इस सामूहिक आस्था के परवाने कोरबा जिले को एक बार फिर एकता संस्कार और सामूहिक श्रद्धा की मिसाल बना दिया

उल्लेखनीय यह रहा कि बच्चो ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता की जिन्होंने व्रतधारिणी माताओ के साथ घाट सजाने से लेकर दीप प्रज्वलन तक में सहयोग किया।


