गोवा में मोपा यानी मनोहर पर्रिकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की जमीन को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह विवाद गोवा कैबिनेट के फैसले के बाद शुरू हुआ. कैबिनेट ने एयरपोर्ट की जमीन को 60 साल के लिए लीज पर दिया था. मोपा एयरपोर्ट एविएशन सेक्टर में मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. यही पर पीएम ने मनोहर पर्रीकर को ‘लाडला’ कहकर संबोधित किया था. सरकार का दावा पीएम के ड्रीम को पूरा करने के लिए विकास जरूरी है. मगर विपक्ष ने विकास में करप्शन की बात कही है.
क्या है विवाद?दरअसल, विवाद मोपा एयरपोर्ट के विस्तारित लीज को लेकर शुरू हुआ है. मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट होने की वजह से गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा हाल ही में मोपा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर होटल भूखंडों के लिए 60 साल की लीज मंजूर की थी लेकिन विपक्ष का आरोप है की इस मंजूरी में उचित प्रक्रिया और स्थापित कानूनी मानदंडों के पालन नहीं किया गया है, जिससे इस एयरपोर्ट की जमीन को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है.
विपक्ष का आरोप है कि यह फैसला सरकारी जमीन के लिए पारंपरिक 40 साल लीज की अवधि से अधिक है. सीएम ने नियमों का उल्लंघन किया है और हवाई अड्डे के विकास के लिए जीएमआर गोवा इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स लिमिटेड (जीजीआईएएल) के साथ हस्ताक्षरित प्रारंभिक 40 वर्षीय रियायत समझौते का भी दुरुपयोग है क्योंकि पहले 40 साल का लीज था. जीजीआईएएल के साथ 2016 में साथ हुए समझौते में 40 साल की लीज की बात कही गई थी जो सरकारी भूमि पट्टों के लिए मानको के तहत था.
हालांकि, GGIAL ने बाद में हवाई अड्डे के “सिटी साइड” क्षेत्र के भीतर होटल भूखंडों के लिए 60 साल के उप-पट्टे की मांग की क्योंकि वो इसका विकास अंतर राष्ट्रीय स्तर पर करना चाहते थे, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों को आकर्षित करता. इससे वित्तीय फायदा भी होगा. इसी के बाद गोवा सरकार ने इसे मंजूरी दी.विपक्ष ने सीएम सावंत पर लगाया आरोपलेकिन विपक्ष इसे जांच का मुद्दा बना रहा है. आप पार्टी के नेताओं द्वारा सीधे तौर पर सीएम पर ही सवाल खड़े किए गए हैं. विपक्ष ने आरोप लगाया कि मानक कानूनी जांच प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए सीएम सावंत निवेश संवर्धन और सुविधा बोर्ड (आईपीएफबी) के अध्यक्ष के रूप में प्रस्ताव को मंजूरी के लिए सीधे कैबिनेट के सामने पेश कर उसे पास कर दिया.
निर्णय के प्रस्तावक और अनुमोदनकर्ता दोनों के रूप में सीएम सावंत की दोहरी भूमिका है इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए.गोवा आप प्रमुख अमित पालेकर ने फैसले की आलोचना करते हुए सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री ने महाधिवक्ता की सलाह को भी नजरअंदाज क्यों किया और लीज को 60 साल तक बढ़ा दिया. उन्होंने रियल एस्टेट उद्योग के साथ मुख्यमंत्री के कथित संबंधों को देखते हुए हितों के संभावित टकराव के बारे में चिंता जताई और तर्क दिया कि इस सौदे से गोवा के उन किसानों की कीमत पर जीएमआर को फायदा होगा, जिन्होंने हवाईअड्डा परियोजना के लिए अपनी जमीन छोड़ दी थी.
सीएम को एक्सपोज करेंगे- आम आदमी पार्टीआप ने दावा किया है की वो जल्द ही व्यक्तिगत रूप से दस्तावेज प्राप्त करके सीएम को एक्सपोज करेंगे और पता लगाएंगे कि इसके पीछे को असली स्टोरी क्या है? यह भी पता लगाएंगे कि इससे किस रियल एस्टेट लॉबी को लाभ होगा. अमित ने कहा कि यह सरकार भ्रष्टाचार की सरकार बन गई है.MOPA एयरपोर्ट पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्टबता दें कि मोपा एयरपोर्ट पीएम मोदी के एविएशन सेक्टर के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. 2016 में पीएम ने ही इसकी नीव रखी और 2022 में उन्होंने ही उद्घाटन भी किया और उसे पीएम के करीबी मित्र और कैबिनेट के साथी रहे और गोवा के मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय मनोहर पर्रीकर के नाम पर कर दिया.
गोवा में इसके अलावा डोबोलिम एयरपोर्ट ही था लेकिन इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के बनने के बाद राज्य में स्थिति में सुधार भी देखने को मिला.यही पर उद्घाटन समारोह में पीएम ने कांग्रेस के 70 साल के राज करने पर सवाल उठाते हुए ठीकरा फोड़ा था की कांग्रेस ने 70 साल ने सिर्फ 70 एयरपोर्ट दिए जबकि बीजेपी 8 साल यानी की 2022 तक ही 72 एयरपोर्ट देश में बना चुकी है. यही पर पीएम ने मनोहर परिकर को ‘लाडला’ कहकर संबोधित किया था. मोदी ने अपने स्पीच में कहा था, ‘मुझे इस बात की खुशी है कि इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम मेरे प्रिय सहयोगी और गोवा के लाडले, स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के नाम पर रखा गया है.